मरीज अब दवाओं की कीमतों के संबंध में पारदर्शिता देख पाएंगे और उन्हें बार-बार अनावश्यक खर्च से बचाया जा सकेगा। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने और आम जनता की वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
By: Arvind Mishra
Sep 07, 202514 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
महंगी दवाओं से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। केंद्र ने अब कई जरूरी दवाओं के खुदरा मूल्य तय कर दिए हैं, जिससे मरीजों को अस्पताल और फामेर्सी में अनावश्यक खर्च से बचाव मिलेगा। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने इस दिशा में स्पष्ट आदेश जारी किया है कि सभी निर्माता और वितरक तय कीमतों की सूची सरकार, राज्य औषधि नियंत्रक और डीलरों को सौंपें। विशेषज्ञों के अनुसार, इस पहल से मरीजों को महंगी दवाओं पर राहत मिलेगी और फार्मेसी पर अनुचित मुनाफाखोरी पर लगाम लगेगी। मरीज अब दवाओं की कीमतों के संबंध में पारदर्शिता देख पाएंगे और उन्हें बार-बार अनावश्यक खर्च से बचाया जा सकेगा। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने और आम जनता की वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है। दरअसल, सरकार ने लोगों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने 42 सामान्य औषधियों के खुदरा मूल्य तय कर दिए हैं। इसमें ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक और इप्का लेबोरेट्रीज शामिल हैं। इन दवाइयों का उपयोग आम तौर पर अंग प्रत्यारोपण के बाद किया आर्गन रिजेक्शन रोकने के लिए किया जाता है। मेरोपेनम और सुलबैक्टम इंजेक्शन की खुदरा कीमत 1,938.59 रुपए प्रति शीशी है।
माइकोफेनोलेट मोफेटिल की कीमत 131.58 रुपए प्रति टैबलेट है। बैक्टीरियल संक्रमण के इलाज में उपयोग की जाने वाली एबॉट हेल्थकेयर की क्लैरिथ्रोमाइसिन एक्सटेंडेड-रिलीज टैबलेट की कीमत अब 71.71 रुपए प्रति टैबलेट है। इसी साल फरवरी में राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने फरवरी में ही आदेश जारी किया था।
वहीं, इस संबंध में एक अधिकारी की ओर से बताया गया कि मूल्य सूची प्रदर्शित करने का आदेश इसलिए है, जिससे आम नागरिक जांच सके कि फार्मसी दवाएं एनपीपीए द्वारा तय कीमत पर ही बेची जा रही है या नहीं। एनपीपीए ने अपने आदेश में कहा कि हर खुदरा विक्रेता और डीलर को मूल्य सूची और अनुपूरक सूची सार्वजिन स्थान पर भी लगानी होगी। यह सूची साफ-साफ और आसानी से दिखने वाली जगह पर होनी चाहिए।