मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने 60 करोड़ के फ्रॉड केस में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का बयान दर्ज किया। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिल्पा शेट्टी से लगभग पांच घंटे पूछताछ की गई और उनका बयान दर्ज किया गया। यह पूछताछ शिल्पा के घर पर की गई।
By: Arvind Mishra
Oct 07, 202510:13 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
मुंबई पुलिस की ईओडब्ल्यू ने 60 करोड़ के फ्रॉड केस में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का बयान दर्ज किया। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शिल्पा शेट्टी से लगभग पांच घंटे पूछताछ की गई और उनका बयान दर्ज किया गया। यह पूछताछ शिल्पा के घर पर की गई। इस दौरान शिल्पा ने अपनी एडवरटाइजिंग कंपनी के बैंक अकाउंट से जुड़े लेनदेन की जानकारी पुलिस को दी। कई दस्तावेज भी पेश किए, जिन्हें पुलिस जांच रही है। हालांकि अभी इस मामले में उनके या उनके पति राज कुंद्रा के संबंध के बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आ सकी है। अब तक राज कुंद्रा समेत पांच लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इधर, शिल्पा और वकील प्रशांत पाटिल ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा कि वे जांच एजेंसियों के सामने अपना सच पेश करेंगे।
ईओडब्ल्यू ने जारी किया था नोटिस
गौरतलब है कि इससे पहले सितंबर के महीने में ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर अभिनेत्री और उनके पति के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। इसी साल अगस्त के महीने में शिल्पा सेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एक व्यवसायी से 60 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था।
एक नजर में पूरा मामला
लोटस कैपिटल फाइलेंसियल सर्विसेज लिमिटेड के निदेश और व्यावसायी दीपक कोठारी ने एक मामला शिल्पा शेट्टी के खिलाफ दर्ज कराया। इस शिकायत में उन्होंने दावा किया कि धोखाधड़ी की ये घटनाएं 2015 और 2023 के बीच हुईं। कोठारी का आरोप है कि दंपती ने अपने व्यवसाय के विस्तार के बहाने पैसे लिए थे, लेकिन इसका इस्तेमाल निजी खर्चों के लिए किया गया।
पैसा लिया, वापस नहीं किया
कोठारी के अनुसार, 2015 में शिल्पा शेट्टी ने अपने व्यापार के विस्तार के लिए 75 करोड़ का ऋण मांगा। प्रस्तावित ब्याज दर 12 प्रतिशत थी। हालांकि, बाद में उन्होंने उनसे ऋण के बजाय निवेश के रूप में धनराशि देने के लिए कहा, और उन्हें मासिक रिटर्न और मूलधन चुकाने का आश्वासन दिया। वहीं, कोठारी ने दावा किया कि उन्होंने अप्रैल 2015 में एक शेयर सदस्यता समझौते के तहत 31.95 करोड़ औैर सितंबर 2015 में एक पूरक समझौते के तहत 28.53 करोड़ हस्तांतरित किए। अब धनराशि वापस पाने के बार-बार प्रयास विफल रहे, जिसके बाद उन्होंने केस किया है।