दिल्ली ब्लास्ट केस में शामिल चार आतंकी डॉक्टर अब जीवनभर डॉक्टरी की प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। नेशनल मेडिकल कमीशन ने अपनी आधिकारिक रजिस्टर से इनका नाम काट दिया है।
By: Arvind Mishra
Nov 15, 20259:58 AM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
दिल्ली ब्लास्ट केस में शामिल चार आतंकी डॉक्टर अब जीवनभर डॉक्टरी की प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे। नेशनल मेडिकल कमीशन ने अपनी आधिकारिक रजिस्टर से इनका नाम काट दिया है। नेशनल मेडिकल कमीशन ने दिल्ली विस्फोट के बाद यूएपीए के तहत केस दर्ज होने के बाद आतंकी डॉ. मुजफ्फर अहमद, डॉ. अदील अहमद राथर, डॉ. मुजम्मिल शकील और डॉ. शाहीन सईद का नाम नेशनल मेडिकल कमीशन से हटा दिया है। इसके बाद आयोग के अगले आदेश तक ये डॉक्टर प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे और न ही मरीजों का इलाज कर पाएंगे। दिल्ली ब्लास्ट में शामिल ये आतंकी डॉक्टर कोर्ट से दोषी करार पाए जाने के बाद कभी सार्वजनिक जीवन में इस पेशे में वापस नहीं आ पाएंगे। 10 नवंबर को 2900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद होने और उसी दिन बाद में लाल किले के पास हुए शक्तिशाली कार विस्फोट की जांच में इन डॉक्टरों समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस धमाके में अबतक 13 लोगों की मौत हो चुकी है।
सार्वजनिक विश्वासघात
एक सार्वजनिक नोटिस में नेशनल मेडिकल कमीशन ने डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में लगाए गए आरोपों को सूचीबद्ध किया और कहा, जम्मू और कश्मीर मेडिकल काउंसिल में पंजीकृत डॉ. मुजफ्फर अहमद, डॉ. अदील अहमद राथर और डॉ. मुजम्मिल शकील को जांच एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में शामिल पाया गया है। कमीशन ने कहा कि इस तरह का जुड़ाव या आचरण प्रथम दृष्टया चिकित्सा पेशे के सदस्यों से अपेक्षित नैतिकता, सत्यनिष्ठा और सार्वजनिक विश्वास के मानकों के अनुरूप नहीं है। यह मामला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन विनियम, 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत आता है।
प्रैक्टिशनर के लिस्ट से हटाया
नोटिस में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल ने डॉ. अहमद, डॉ. राठेर, डॉ. शकील और डॉ. सईद का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया है और निर्देश दिया है कि उनके नामों को मेडिकल प्रैक्टिशनर के लिस्ट से तत्काल प्रभाव से हटाया गया है। एनएमसी के नोटिस में कहा गया है। इस तरह हटाए जाने के परिणामस्वरूप ये डॉक्टर अगले आदेश तक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करने या चिकित्सक के रूप में कोई भी पद धारण करने के हकदार नहीं रहेंगे। नोटिस में कहा गया है किअब जम्मू-कश्मीर मेडिकल काउंसिल द्वारा जारी उपरोक्त डॉक्टरों के पंजीकरण रद्द करने संबंधी 13 नवंबर की अधिसूचनाओं के मद्देनजर उनके नाम भारतीय चिकित्सा रजिस्टर/राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर से तत्काल प्रभाव से हटा दिए जाएं।
डॉक्टरी पेशे पर कालिख
10 नवंबर की सुबह पुलिस ने घोषणा की कि फरीदाबाद के अल फलाह विवि में डॉ. मुजम्मिल के किराए के मकान से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ है। आतंकी डॉक्टर अल फलाह में ही नियुक्त था। वह दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के रहने वाला है। इसके तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि विवि और उसके आसपास 2,900 किलो विस्फोटक मिले हैं और एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुजफ्फर जांच के घेरे में आया
पुलिस अल फलाह विवि के ही डॉ. मुजफ्फर की तलाश में है गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के बाद काजीगुंड निवासी मुजफ्फर जांच के घेरे में आया। वह अगस्त में भारत से भाग गया था और माना जाता है कि वह अफगानिस्तान में है। पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है।
लखनऊ से आतंकी महिला गिरफ्तार
लखनऊ की एक महिला आतंकी डॉक्टर डॉ. शाहीन तीनों डॉक्टरों द्वारा रची जा रही साजिश की जानकारी रखती थी। विस्फोट की जांच से जुड़े लोगों ने बताया कि उसे 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी से पहले की बनाई जा रही इस योजना की पूरी जानकारी थी। मुजफ्फर के भाई डॉ. अदील राठेर को 7 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। अनंतनाग अस्पताल में उसके लॉकर से एक एके-56 राइफल और अन्य गोला-बारूद जब्त किया गया था।