बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच मतदाता सूची में सत्यापन को लेकर मचे बवाल के बीच चुनाव आयोग ने अब नया सिस्टम लॉन्च कर दिया है। इस सिस्टम के आने से विवाद पर विराम लग जाएगा। दरअसल, वोटर लिस्ट से नाम काटने पर उठे विवाद को सुलझाने के लिए आयोग ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है।
By: Arvind Mishra
Sep 24, 20252 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
बिहार में विधानसभा चुनाव के बीच मतदाता सूची में सत्यापन को लेकर मचे बवाल के बीच चुनाव आयोग ने अब नया सिस्टम लॉन्च कर दिया है। इस सिस्टम के आने से विवाद पर विराम लग जाएगा। दरअसल, वोटर लिस्ट से नाम काटने पर उठे विवाद को सुलझाने के लिए आयोग ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया है। यह बदलाव राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम बड़े पैमाने पर हटाने के लिए किए गए अनियमित आवेदनों के खुलासे के बाद किया गया है। दावा किया जा रहा है कि इस तकनीकी सुविधा से मतदाता पहचान के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। अब ई-साइन तकनीक के जरिए इस समस्या से निपटा जाएगा। आयोग ने अपने ईसीआईनेट पोर्टल और ऐप पर एक नया ई-साइन फीचर पेश किया है।
आयोग के नए फीचर के तहत, मतदाताओं को रजिस्ट्रेशन, नाम हटाने या सुधार के लिए आवेदन करते वक्त अपने आधार से जुड़े फोन नंबरों का उपयोग करके अपनी पहचान सत्यापित करनी होगी। पहले आवेदक बिना किसी सत्यापन के फॉर्म जमा कर सकते थे, जिससे पहचान के दुरुपयोग का खतरा था।
नया सिस्टम शुरू होने के बाद, जब कोई शख्स ईसीआईनेट पोर्टल पर फॉर्म 6 (नए रजिस्ट्रेशन के लिए), फॉर्म 7 (नाम हटाने के लिए), या फॉर्म 8 (सुधार के लिए) भरता है, तो उसे ई-साइन की जरूरत पूरी करनी होगी। पोर्टल आवेदक को यह सुनिश्चित करने के लिए सचेत करता है कि मतदाता कार्ड और आधार कार्ड पर नाम समान हो और आधार व मोबाइल नंबर आपस में जुड़े हों। इसके बाद, आवेदक को एक बाहरी ई-साइन पोर्टल पर निर्देशित किया जाता है, जहां उसे अपना आधार नंबर दर्ज करना होता है।
आधार नंबर दर्ज करने के बाद, एक आधार ओटीपी उस फोन नंबर पर भेजा जाता है, जो आधार से जुड़ा हुआ है। ओटीपी दर्ज करने और सहमति देने के बाद ही सत्यापन पूरा होता है, जिसके बाद आवेदक को फॉर्म जमा करने के लिए वापस ईसीआईनेट पोर्टल पर भेजा जाता है। यह प्रक्रिया फर्जी आवेदनों को रोकने में मदद करेगी।