दिल्ली-एनसीआर में आधी रात भूकंप के झटके लगे, इससे डर के मारे लोग घर छोड़कर सड़क पर पहुंच गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.3 रही। भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व, दिल्ली में था।
By: Star News
Jun 08, 202516 hours ago
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में आधी रात भूकंप के झटके लगे, इससे डर के मारे लोग घर छोड़कर सड़क पर पहुंच गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.3 रही। भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व, दिल्ली में था। दिल्ली-एनसीआर में रात 1 बजकर 23 मिनट पर धरती हिली। राजधानी दिल्ली में भूकंप का केंद्र होने से दिल्लीवासियों की नींद उड़ा दी। दिल्ली में भूकंप के कई झटके महसूस किए जा रहे हैं जो कि भविष्य के लिए बड़ी चिंता का विषय बनता जा रहा है।
फरवरी 17, 2025 को दिल्ली में भूकंप आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 रही. भूकंप का एपिसेंटर भी दिल्ली था। भूकंप का केंद्र धौलाकुआं के पास दुगार्बाई देशमुख कॉलेज के नजदीक था, जो जमीन की सतह से करीब 5 किलोमीटर की गहराई में था। इस भूकंप के झटके को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद तक महसूस किए गए थे।
भारत के भीतर दिल्ली को भूकंप की जोन-4 में रखा गया है, जो दूसरी सबसे अधिक जोखिम वाली श्रेणी है। इसकी मुख्य वजह हिमालयी क्षेत्र के टकराव क्षेत्र से सिर्फ लगभग 250 किमी की दूरी है। सिस्मिक जोन-4 उच्च जोखिम वाला क्षेत्र होता है। ऐसे क्षेत्रों में भूकंप आने का खतरा बहुत अधिक होता है। इस जोन में 5.5 से 7.0 तीव्रता तक के भूकंप आ सकते हैं।
कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो एक्टिविटी कहा जाता है। ये संकेत देते हैं कि आने वाले समय में अधिक तीव्रता वाली भूकंप आ सकती है। स्थानीय फॉल्ट लाइन्स भी भूकंप के खतरे को बढ़ाती है। दिल्ली के आसपास कई स्थानीय फॉल्ट लाइनें मौजूद हैं। जैसे - सोहना फॉल्ट, मोरादाबाद फॉल्ट और दिल्ली-मुजफ्फरनगर फॉल्ट। यह भूकंप हमें फिर से याद दिलाता है कि राजधानी क्षेत्र में भूकंपीय सुरक्षा और उचित तैयारियों का होना कितना जरूरी है।
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।