चक्रवात मोंथा लगातार कमजोर हो रहा है, लेकिन इसका असर कई राज्यों में देखा जा रहा है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में चक्रवात से काफी नुकसान हुआ है। आंध्र प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई, 42 मवेशी मारे गए और करीब 1.5 लाख एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं।
By: Arvind Mishra
Oct 31, 202510:11 AM
भोपाल/नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
चक्रवात मोंथा लगातार कमजोर हो रहा है, लेकिन इसका असर कई राज्यों में देखा जा रहा है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में चक्रवात से काफी नुकसान हुआ है। आंध्र प्रदेश में तीन लोगों की मौत हो गई, 42 मवेशी मारे गए और करीब 1.5 लाख एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो गईं। तेलंगाना के कई हिस्सों में तेज बारिश जारी है। सूर्यापेट में पेड़ गिरने से बाइक सवार की मौत हो गई। खम्मम जिले में एक ट्रक ड्राइवर बह गया। चक्रवात मोंथा का असर उत्तर भारत के राज्यों पर दिखा। वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी बारिश का दौर जारी है। यूपी के अयोध्या, लखनऊ-कानपुर समेत 15 शहरों में रुक-रुक कर बारिश हुई। काशी में बारिश से जलभराव हो गया। मध्य प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। वहीं, भोपाल, इंदौर-उज्जैन में तेज हवा चली। राजस्थान के जयपुर, अलवर, करौली सहित कई जिलों में बृहस्पतिवार सुबह तेज बूंदाबांदी हुई। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई। उधर, नेपाल में मोन्था के असर से लगातार बारिश और बर्फबारी हो रही है।
नेपाली मौसम विभाग ने 26 जिलों में बाढ़ और भूस्खलन का अलर्ट जारी किया है। कोशी, मधेश और बागमती प्रांतों की नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ने की आशंका जताई गई है। विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और नदी किनारे के इलाकों से दूर रहने की अपील की है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग में एक और निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। पूर्व-मध्य अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र बीते छह घंटों में पश्चिम की ओर 13 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा है और अगले 36 घंटे तक इस ओर ही बढ़ेगा।
आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव के विजयानंद ने बताया कि चक्रवात मोंथा के दौरान राज्य में बिजली व्यवस्था बनाए रखने के लिए 11,000 से ज्यादा बिजली विभाग के कर्मचारी तैनात किए गए हैं। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि बापतला जिले के एक स्थानीय चर्च में फंसे 15 लोगों को चक्रवात मोंथा के दौरान सुरक्षित बचा लिया गया। नायडू ने बचावकर्मियों की सराहना की और बचाव अभियान से जुड़ा एक वीडियो भी साझा किया। वीडियो में लोग कमर तक पानी में फंसे दिखे, जिन्हें रस्सी की मदद से सुरक्षित बाहर निकाला गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवाती तूफान मोंथा से राज्य को करीब 5,265 करोड़ का नुकसान हुआ है।
तेलंगाना में मोंथा के प्रभाव से हुई भारी बारिश के बाद वारंगल और हनमकोंडा जिलों में करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों के अनुसार, रात से जारी बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया और वारंगल-हनमकोंडा-काजपेट त्रिशहर क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वारंगल के बाढ़ग्रस्त इलाकों में राहत कार्यों को तेज किया जाए। उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को आपदा राहत बल की टीमों और आवश्यक नौकाओं को तुरंत भेजने के आदेश दिए।
राजस्थान के जयपुर, अलवर, करौली सहित कई जिलों में सुबह तेज बूंदाबांदी हुई। इससे तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। ग्रामीण इलाकों में धुंध भी छाई है। बीसलपुर बांध का सुबह 6 बजे दूसरा गेट भी दो मीटर खोल दिया गया। अब दोनों गेट को दो-दो मीटर खोलकर प्रति सेकेंड बांध से बनास नदी में 24040 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही है। प्रदेश के 13 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
बिहार में चक्रवाती तूफान मोंथा का असर देखने को मिल रहा है। पटना, औरंगाबाद, बक्सर और भागलपुर में सुबह-सुबह बारिश हुई। पटना समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। मौसम विज्ञान ने 25 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। आकाशीय बिजली का भी अलर्ट है। राज्य के अधिकांश हिस्सों में अगले तीन दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश होने के कारण दिन का तापमान घटकर 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
यूपी के पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में बादल छाए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि तूफान का असर 3 दिन यानी 1 नवंबर तक रहेगा। पूर्वांचल में भारी बारिश हो सकती है। 31 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट है। वहीं, काशी, गोरखपुर और बाराबंकी में बेमौसम बारिश से खेतों में पड़ी धान और आलू की फसल पर खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। तेज हवा की वजह से कटने को तैयार फसलें गिर गई हैं।