प्रिया को 2020 में एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने नवंबर 2023 में उस फैसले को बरकरार रखा था, लेकिन ब्लड मनी के जरिए संभावित राहत की गुंजाइश छोड़ दी थी। यानी पीड़ित के परिवार के साथ समझौते के आधार पर उसे राहत मिल सकती है।
By: Sandeep malviya
Jul 08, 202510:36 PM
पलक्कड़। प्रिया को 2020 में एक ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने नवंबर 2023 में उस फैसले को बरकरार रखा था, लेकिन ब्लड मनी के जरिए संभावित राहत की गुंजाइश छोड़ दी थी। यानी पीड़ित के परिवार के साथ समझौते के आधार पर उसे राहत मिल सकती है।
केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन में फांसी दी जा सकती है। पेशे से एक नर्स निमिषा एक यमन नागरिक की हत्या के आरोप में जेल में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में मानवाधिकार कार्यकर्ता सैमुअल जेरोम के हवाले से बताया गया कि जेल अधिकारियों ने निमिषा को फांसी की तारीख के बारे में बता दिया है। इस बीच निमिषा प्रिया के परिवार ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है कि उसे 16 जुलाई को फांसी दी जाएगी। उसके पति टॉमी थॉमस ने पीटीआई को बताया, 'हमें अभी तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। हमें इस बारे में केवल समाचार रिपोर्टों के माध्यम से पता चला है।'
उन्होंने समाचार रिपोर्टों के बीच समाचार एजेंसी पीटीआई से बात की, जिसमें यमन के अधिकारियों और पीड़ित तलाल अब्दो महदी के परिवार के साथ बातचीत में शामिल एक सामाजिक कार्यकर्ता का हवाला दिया गया। जिन्होंने कहा कि सरकारी अभियोजक ने जेल को आदेश भेजा है और 16 जुलाई को फांसी की सजा तय की गई है। दिहाड़ी मजदूर और ड्राइवर थॉमस को आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटी (सातवीं कक्षा की छात्रा) को छात्रावास में भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा है। थॉमस ने पहले कहा था कि परिवार पर 60 लाख रुपये का कर्ज है, जो 2015 में यमन में एक क्लिनिक स्थापित करने के लिए लिया गया था। क्लिनिक को 2017 में बंद कर दिया गया था।
सरकार मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए
सूत्रों के मुताबिक, जून 2018 में निमिषा प्रिया को यमन में हत्या के अपराध में दोषी ठहराया गया था और स्थानीय अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। हम तब से सरकार मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए है। स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क किया जा रहा है और हर संभव सहायता प्रदान किया जा रहा है। संबंधित जिम्मेदार लोग मामले पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
कौन हैं निमिषा निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया नर्सिंग ट्रेनिंग का कोर्स करने के बाद 2011 में यमन चली गई थीं। वह दिहाड़ी मजदूरी करने वाले अपने माता-पिता को अच्छी जिंदगी देना चाहती थीं। इस वजह से ही उन्होंने देश से बाहर जाने का फैसला किया था। उन्होंने यमन के कई अस्पतालों में काम किया। बाद में उन्होंने खुद का क्लिनिक खोलने की तैयारी की। इस दौरान 2014 में वह तलाल अब्दो महदी के संपर्क में आईं। तलाल ने क्लिनिक शुरू करने में निमिषा की मदद का वादा किया।