मध्यप्रदेश का इंदौर स्वच्छता के साथ अंगदान में भी देश में पहले स्थान पर है। कई लोग देहदान भी इंदौर में करते है। शुक्रवार को पहला मौका था, जब 80 वर्षीय अशोक वर्मा की इच्छा अनुसार उनकी देह एक निजी मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई। उससे पहले पुलिस जवानों ने पार्थिव देह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
By: Arvind Mishra
मध्यप्रदेश का इंदौर स्वच्छता के साथ अंगदान में भी देश में पहले स्थान पर है। कई लोग देहदान भी इंदौर में करते है। शुक्रवार को पहला मौका था, जब 80 वर्षीय अशोक वर्मा की इच्छा अनुसार उनकी देह एक निजी मेडिकल कॉलेज को सौंपी गई। उससे पहले पुलिस जवानों ने पार्थिव देह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। अभी तक गार्ड ऑफ ऑनर शहीदों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को दिया जाता रहा है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किए है कि जो भी व्यक्ति देहदान करता है। उनकी मृत्यु होने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। सरकार के उक्त आदेश के बाद इंदौर में पहला देहदान किया गया।
दरअसल, जवाहर मार्ग निवासी अशोक वर्मा का गुरुवार रात निधन हो गया। जब वे जीवित थे तो परिजनों से कहा था कि मृत्यु होने पर अंत्येष्टी करने के बजाए उनका देहदान किया जाए। परिजनों ने देहदान, नेत्रदान एवं त्वचादान के लिए दधीचि मिशन से संपर्क किया, लेकिन तकनीकी कारण से नेत्रदान एवं त्वचादान संभव नहीं हो पाया।
शुक्रवार सुबह उनकी अंतिम यात्रा निकली और अरविंदो मेडिकल कॉलेज पहुंची। यहां गार्ड ऑफ ऑनर के लिए पुुलिस जवान पहले से मौजूद थे। शस्त्रों से श्री वर्मा को सलामी दी गई। इसके बाद देह कॉलेज प्रबंधन को सौंप दी गई।
अंगदान समिति के नंदकिशोर व्यास ने बताया कि वर्मा ने कुछ वर्षों पहले देहदान की स्वीकृति दी थी। उनकी राजवाड़ा पर मेडिकल शॉप है। वहां भी उन्होंने कई लोगों से देहदान के लिए संकल्प पत्र भरवाए थे। उनके एक बेटे का युवा अवस्था में निधन हो गया था। बेटे का भी उन्होंने देहदान किया था।