अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। वे अमेरिकी राजनीति में अपने कड़े रुख और इराक युद्ध में नीतिगत फैसलों के लिए जाने जाते थे। रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ नेता चेनी को अमेरिका की सुरक्षा नीति के प्रमुख रणनीतिकारों में गिना जाता था।
By: Sandeep malviya
Nov 04, 20256:06 PM
वॉशिंगटन । अमेरिका के पूर्व उपराष्ट्रपति डिक चेनी का 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, चेनी की मौत स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण हुई। वे लंबे समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे और हाल के वर्षों में कई बार अस्पताल में भी भर्ती हुए थे। इनको यूएस का सबसे ताकतवर उप-राष्ट्रपति माना जाता है। डिक चेनी ने 2001 से 2009 तक राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के साथ उपराष्ट्रपति पद संभाला था। उन्हें अमेरिकी राजनीति में कठोर और निर्णायक रुख अपनाने वाले नेता के रूप में जाना जाता था। चेनी ने इराक युद्ध और अमेरिकी सुरक्षा नीति को आकार देने में अहम भूमिका निभाई थी।
ऐसे स्थापिता किया शक्तिशाली व्यक्तित्व
वायोमिंग के पूर्व सांसद और रक्षा सचिव रह चुके डिक चेनी ने खुद को वॉशिंगटन की राजनीति में एक शक्तिशाली व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया था। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2000 के राष्ट्रपति चुनाव में जब बुश ने उन्हें अपने साथी उम्मीदवार के रूप में चुना, तब तक चेनी अमेरिकी सत्ता तंत्र में एक प्रभावशाली रणनीतिकार बन चुके थे। उनका अनुभव और सशक्त राजनीतिक दृष्टिकोण बुश प्रशासन की नीतियों की नींव बना।
सबसे निर्णायक और विवादस्पद उप-राष्ट्रपति
2001 से 2009 के बीच उपराष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल में चेनी ने राष्ट्रपति पद की शक्तियों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम किया। उन्हें लगता था कि वाटरगेट कांड के बाद राष्ट्रपति पद की ताकत कमजोर हो गई थी, जब रिचर्ड निक्सन को इस्तीफा देना पड़ा था। निक्सन ही वह राष्ट्रपति थे जिनके अधीन चेनी ने शुरूआती दौर में काम किया था। चेनी ने इराक युद्ध, आतंकवाद विरोधी अभियान और अमेरिकी सुरक्षा नीति के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई, जिसने उन्हें अमेरिकी इतिहास के सबसे निर्णायक लेकिन विवादास्पद उपराष्ट्रपतियों में शामिल कर दिया।