मध्यप्रदेश सहित देशभर बुधवार से दस दिवसीय गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई है। लोग बप्पा को अपने घरों या पंडालों विराजित करने में जुट गए हैं। लोग बड़े उत्साह के साथ भगवान गणेश को अपने घरों, मकानों और सार्वजनिक पंडालों में ला रहे हैं। कुछ लोग तो एक दिन पहले ही मूर्तियों को ला लिए थे।
By: Arvind Mishra
Aug 27, 202556 minutes ago
भोपाल/नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
मध्यप्रदेश सहित देशभर बुधवार से दस दिवसीय गणेशोत्सव की धूम शुरू हो गई है। लोग बप्पा को अपने घरों या पंडालों विराजित करने में जुट गए हैं। लोग बड़े उत्साह के साथ भगवान गणेश को अपने घरों, मकानों और सार्वजनिक पंडालों में ला रहे हैं। कुछ लोग तो एक दिन पहले ही मूर्तियों को ला लिए थे। गणेश चतुर्थी के दिन सुबह से देर रात तक चारों ओर गणपति बप्पा मोरया... मंगल मूर्ति मोरया... के जयकारों की गूंज सुनाई दी। गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार को मध्यप्रदेश के इंदौर में पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर खजराना गणेश मंदिर में भगवान श्री गणेश का 5 किलो सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया गया है। मंदिर में भक्तों को जल्दी दर्शन हो सकें, इसके लिए चलित दर्शन की व्यवस्था की गई है। इधर, पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गणेश चतुर्थी के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं दीं। मोदी ने इस पावन अवसर पर सभी के कल्याण और समृद्धि की कामना की। पीएम ने एक्स पर लिखा-आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं। भक्ति और आस्था से भरा यह पावन अवसर सभी के लिए मंगलमय हो। मैं भगवान गजानन से प्रार्थना करता हूं कि वे अपने सभी भक्तों को सुख, शांति और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें। गणपति बप्पा मोरया...।
वहीं मप्र के सीएम डॉ. मोहन यादव ने गणेश चतुर्थी पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। इसी के साथ उन्होंने सभी से स्वदेशी विचार के साथ इस पर्व को मनाने का आह्वान किया है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मिट्टी और गोबर से बनी पर्यावरण हितैषी गणेश प्रतिमाओं का उपयोग करने की बात कही है। गणेश चतुर्थी सिर्फ धार्मिक आस्था का पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारी का अवसर भी है। सभी लोग इस बार मिट्टी और गोबर से बनी इको-फ्रेंडली प्रतिमाओं का पूजन करें।
मध्यप्रदेश के उज्जैन का चिंतामण गणेश मंदिर देश का एकमात्र मंदिर है, जहां एक साथ तीन स्वरूप चिंतामन, इच्छामन और सिद्धि विनायक के दर्शन होते हैं। भगवान को एक लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया। वहीं सीहोर के विक्रमादित्य कालीन चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर में उल्टा स्वास्तिक बनाकर मनोकामना मांगते हैं। बुधवार को सुबह से ही दूर-दूर से आए हजारें भक्तों की कतार लगी रही।
भोपाल में इस बार चार हजार जगहों पर प्रथम पूज्य श्रीगणेश की स्थापना की गई है। इनमें से करीब ढाई सौ बड़ी झांकियां हैं। वहीं, घरों में भी बड़ी संख्या में गणेशजी की मूर्ति की स्थापना की गई है। बुधवार को भक्त ढोल-ढमाकों के साथ लेकर घर और पंडालों में स्थापित करने के लिए लाए। बड़े पंडालों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।