गंगा दशहरा पर अयोध्या के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। गुरुवार को राम मंदिर परिसर में राजाराम समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरी भव्यता से सम्पन्न हुआ।
By: Star News
Jun 05, 202512:08 PM
-अयोध्या के मंदिर में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न
-कारोबारी ने हीरे जड़े सोने-चांदी के आभूषण दिए दान
अयोध्या। गंगा दशहरा पर अयोध्या के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। गुरुवार को राम मंदिर परिसर में राजाराम समेत आठ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरी भव्यता से सम्पन्न हुआ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भव्य मंदिर में राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा की। सभी दिशाओं से वैदिक मंत्रों की ध्वनि गूंज रही थी। ब्रह्ममुहूर्त से ही मंदिर प्रांगण में पंडितों, आचार्यों और संतों का समवेत स्वर, शंखध्वनि और हवन की महक ने एक आध्यात्मिक वातावरण रच दिया था। 22 जनवरी 2024 यानी 498 दिन पहले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। राम मंदिर में राम दरबार की अभिजीत मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा हो गई है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 11.25 से 11.40 बजे तक हुई। रामलला के गर्भगृह के ऊपर यानी फर्स्ट फ्लोर में राम दरबार बनाया गया है। इसमें श्रीराम, मां सीता, तीनों भाई- लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के साथ-साथ हनुमानजी की मूर्ति हैं। रामदरबार के लिए सूरत के कारोबारी मुकेश पटेल ने हीरे, सोने-चांदी के आभूषण दान दिए हैं।
प्लेन से अयोध्या लाए आभूषण
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया ने कहा- दान दिए आभूषणों में एक हजार कैरेट का हीरा, 30 किलो चांदी, 300 ग्राम सोना, 300 कैरेट रुबी से 11 मुकुट बनाए गए हैं। इनके अलावा, गले का हार, कान के कुंडल, माथे का तिलक, चारों भाइयों के लिए धनुष-बाण हैं। इन आभूषणों को चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या लाया गया। इसे राम मंदिर ट्रस्ट को दान किया गया।
350 लोगों को किया गया था आमंत्रित
पिछले साल रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा में जहां देशभर के बड़े कारोबारियों, फिल्मी हस्तियों को आमंत्रित किया गया था। आज राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित 350 लोगों में ज्यादातर ट्रस्ट के पदाधिकारी, साधु संत शामिल रहे। रामदरबार की मूर्तियों को जयपुर में तैयार किया गया है। ये मूर्तियां मकराना के सफेद संगमरमर से बनी हैं।
लगे जय श्रीराम के नारे
मुख्यमंत्री ने सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया। इसके बाद राम दरबार की मूर्ति से आवरण हटाया गया। राजा राम का आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया गया। इस दौरान अयोध्या के 19 संत धमार्चार्य भी मौजूद रहे। इसके अलावा ट्रस्ट, संघ व विहिप के पदाधिकारी भी मौजूद रहे। मंदिर परिसर वैदिक मंत्रों के साथ जय श्री राम के नारों से गूंज उठा।