भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम अब क्रिकेट के दो महान खिलाड़ियों, सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखा जाएगा।
By: Star News
स्टार समाचार वेब. भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का नाम अब क्रिकेट के दो महान खिलाड़ियों, सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखा जाएगा। इस ऐतिहासिक फैसले से जहां एक ओर क्रिकेट जगत में बहस छिड़ गई है, वहीं भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने इस बदलाव पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
यह कदम दोनों देशों के बीच की प्रतिद्वंद्विता को एक नया आयाम देगा और इन दो दिग्गजों को उनके असाधारण योगदान के प्रति भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का नाम 'तेंदुलकर-एंडरसन' सीरीज किया गया।
इस नामकरण पर सुनील गावस्कर जैसे कुछ दिग्गजों ने अपनी आपत्ति जताई है। उनकी नाराजगी के पीछे के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि यह पारंपरिक नामों और क्रिकेट इतिहास से जुड़े अन्य पहलुओं को लेकर हो सकती है। इस नए नामकरण से आने वाले समय में क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों के बीच और भी चर्चा होने की उम्मीद है।
समर्थन और विरोध
सम्मान है दो दिग्गजों का
नामकरण को लेकर प्रशंसकों की अलग-अलग राय आ रही है। कई प्रशंसक इस कदम का स्वागत कर रहे हैं क्योंकि यह क्रिकेट के दो महानतम खिलाड़ियों - सचिन तेंदुलकर (भारत के सबसे सफल बल्लेबाज) और जेम्स एंडरसन (इंग्लैंड के सबसे सफल तेज गेंदबाज) - को सम्मानित करता है। उनका मानना है कि इन दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में अभूतपूर्व योगदान दिया है और इस तरह का सम्मान उनके लिए उचित है।
पुराना नाम नहीं हटाया जाना चाहिए
वहीं, सुनील गावस्कर की तरह, कई प्रशंसक भी पटौदी ट्रॉफी के नाम बदलने पर नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। उनका मानना है कि पटौदी परिवार (इफ्तिखार अली खान पटौदी और मंसूर अली खान पटौदी) ने भारत और इंग्लैंड दोनों के क्रिकेट में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और इस ऐतिहासिक विरासत को हटाना उनकी विरासत के प्रति 'असंवेदनशीलता' दर्शाता है। पटौदी ट्रॉफी का एक स्थापित इतिहास था, जिसे अचानक बदलना कई लोगों को रास नहीं आ रहा।