चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि डिटरेंस (निरोधक क्षमता) तभी काम करती है, जब राजनीतिक इच्छाशक्ति हो। सैन्य शक्ति पर भरोसा हो और पर्याप्त सैन्य क्षमता मौजूद हो। हमारे पास ये तीनों चीजें हैं।
By: Arvind Mishra
Nov 17, 202512:19 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि डिटरेंस (निरोधक क्षमता) तभी काम करती है, जब राजनीतिक इच्छाशक्ति हो। सैन्य शक्ति पर भरोसा हो और पर्याप्त सैन्य क्षमता मौजूद हो। हमारे पास ये तीनों चीजें हैं। दरअसल, सीडीएस ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। देश के शीर्ष सैन्य कमांडरों और रणनीतिक विशेषज्ञों की मौजूदगी में होने वाले चाणक्य डिफेंस डायलॉग से पहले जनरल द्विवेदी ने साफ कहा है कि भारत किसी भी परिस्थिति में लंबी लड़ाई के लिए तैयार है। दुश्मन चाहे पाकिस्तान हो या उसके समर्थित आतंकी। भारत की सेना हर खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने की क्षमता रखती है। द्विवेदी ने कहा-पाकिस्तान चाहे जितना भी पर्दे के पीछे छिपकर आतंकवाद को बढ़ावा दे, भारतीय सेना उसकी हर हरकत पर नजर रखती है। कश्मीर में पिछले पांच सालों में आतंकवाद में भारी गिरावट आई है और 61 फीसदी मारे गए आतंकवादी पाकिस्तानी थे, जो यह साबित करता है कि सीमा पार से आतंक भेजने की साजिश लगातार जारी है। सीडीएस के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से बदल रहे हैं और आज वहां के युवा भारत के साथ भविष्य देख रहे हैं।
सीडीएस ने आपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा- यह तो सिर्फ ट्रेलर था। जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान को सिखाया जाएगा कि एक जिम्मेदार देश अपने पड़ोसी के साथ कैसे बर्ताव करता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार के न्यूक्लियर ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है। युद्ध चाहे चार महीने चले या चार साल, भारतीय सेना हर हाल में तैयार है।
लाल किले पर हुए धमाके का संदर्भ लेते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि डिटरेंस काम कर रहा है। यदि आतंकियों की ओर से कोई बैरंग चिट्ठी भी आएगी तो सेना पता लगा लेगी कि वह कहां से आई है। हमें पता है किसे जवाब देना है। जब पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देता है तो हमारे लिए चिंता की बात होती है। हम उन्नति की बात करते हैं अगर कोई रोड़ा लगाएगा तो हमें तो कार्रवाई करनी पड़ेगी।
चीन के साथ संबंधों पर उन्होंने उम्मीद जताई कि पूर्वी लद्दाख में तनाव घटने के बाद दोनों देश सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व के बीच बातचीत बढ़ने से जमीनी हालात में तेजी से सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, डिप्लोमेसी और राजनीतिक दिशा जब साथ आती है, तो डिफेंस डिप्लोमेसी स्मार्ट पावर बन जाती है।
मणिपुर हिंसा पर द्विवेदी ने कहा कि मणिपुर हमारे लिए स्वर्ग जैसा है और वहां लगी राष्ट्रपति शासन के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि वहां के समुदाय आपसी मतभेद हल करेंगे तो स्थिति और बेहतर होगी। इसी तरह, म्यांमार से आए 43,000 शरणार्थियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत उन्हें वापस भेजने की कोशिश कर रहा है और यदि उनमें से कोई आतंकी गतिविधियों में शामिल पाया गया तो कड़ा कदम उठाया जाएगा।