नागासाकी जख्मों, भेदभाव और विकिरण से होने वाली बीमारियों की पीड़ा सहने के बावजूद हमले से बचे लोगों ने परमाणु हथियारों को खत्म करने के साझा लक्ष्य के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि जहां एक तरफ इस हमले की बरसी मनाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर दुनिया विपरीत दिशा में जा रही है।
By: Sandeep malviya
Aug 10, 202518 hours ago
नागासाकी। जापान के नागासाकी में अमेरिका की तरफ से किए गए परमाणु बम हमले की 80वीं बरसी पर स्मृति कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हमले में जीवित बचे लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं कि दुनिया के किसी भी हिस्से को परमाणु हमले का सामना न करना पड़े।
जख्मों, भेदभाव और विकिरण से होने वाली बीमारियों की पीड़ा सहने के बावजूद हमले से बचे लोगों ने परमाणु हथियारों को खत्म करने के साझा लक्ष्य के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि शनिवार को जहां एक तरफ इस हमले की बरसी मनाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर दुनिया विपरीत दिशा में जा रही है। हमले में बचे और अब बुजुर्ग हो चुके लोगों तथा उनके समर्थकों को अब सिर्फ नई पीढ़ी से उम्मीद है कि वही परमाणु हथियारों को खत्म करने की दिशा में काम कर सकती है। वे युवाओं से अपील करते हैं यह हमला कोई बहुत पुराना इतिहास नहीं है, बल्कि ऐसा मुद्दा है जो उनके भविष्य से जुड़ा हुआ है।
नागासाकी में हमले से बचे लोगों के पक्ष में खड़े एक संगठन की सदस्य 83 वर्षीय तेरुको योकोयामा ने कहा कि उन्हें उन लोगों की कमी महसूस होती है, जिनके साथ उन्होंने काम किया और यही भावना उन्हें बचे पीड़ितों के जीवन का दस्तावेजीकरण करने की मजबूत इच्छा देती है। हमले में बचे लोगों की संख्या अब सिर्फ 99,130 रह गई है जो कुल पीड़ितों के लगभग एक चौथाई हैं। इनकी औसत उम्र 86 साल से अधिक हो चुकी है।
मारे गए थे 70 हजार लोग
अमेरिका ने 9 अगस्त, 1945 को नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था। इसमें करीब 70 हजार लोग मारे गए थे। इससे तीन दिन पहले छह अगस्त को हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से लगभग 1.40 लाख लोग मारे गए थे। नागासाकी पर हमले के छह दिन बाद 15 अगस्त, 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद द्वितीय विश्वयुद्ध समाप्त हो गया।