गाजा की नाकाबंदी को चुनौती देने वाला समुद्री प्रयास एक बार फिर खतरे में है। हमले से यह साफ है कि गाजा तक सहायता पहुंचाने का रास्ता आसान नहीं है। इस्राइल ने सोमवार को कहा था, 'वो किसी भी जहाज को सक्रिय युद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने या कानूनी नौसैनिक नाकाबंदी तोड़ने की अनुमति नहीं देगा।'
By: Sandeep malviya
Sep 24, 2025just now
एथेंस। गाजा पट्टी की इस्राइली नाकाबंदी को तोड़ने के लिए रवाना हुए अंतरराष्ट्रीय कार्यकतार्ओं के बेड़े (फ्लोटिला) पर मंगलवार देर रात ड्रोन से हमला हुआ। कार्यकतार्ओं का कहना है कि यह हमला ग्रीस के दक्षिणी समुद्री क्षेत्र में हुआ। ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला नाम के इस काफिले के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनके संचार सिस्टम को जाम कर दिया गया और कम से कम 13 धमाकों की आवाजें सुनी गईं। उनका दावा है कि ड्रोन या विमान से अज्ञात वस्तुएं 10 से अधिक नौकाओं पर गिराई गईं।
हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं
हालांकि, इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन कई नौकाएं क्षतिग्रस्त हुईं और संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई। सोशल मीडिया पर फ्लोटिला ने एक छोटा वीडियो पोस्ट किया है जिसमें एक नौका के पास विस्फोट होता हुआ दिखाई दे रहा है। ग्रीस के तटरक्षक बल ने बताया कि उन्हें कोई आपातकालीन कॉल प्राप्त नहीं हुई। इस्राइली सेना ने इस घटना पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
क्या ले जा रहा है यह काफिला?
इस बेड़े में अलग-अलग देशों से आई दर्जनों नौकाएं शामिल हैं। ये नौकाएं प्रतीकात्मक मात्रा में खाद्य सामग्री और दवाइयां गाजा के लोगों के लिए ले जा रही हैं। इस्राइली विदेश मंत्रालय का आरोप है कि इस अभियान का आयोजन करने वालों का संबंध हमास से है। मंत्रालय का कहना है कि कार्यकतार्ओं को गाजा जाने की बजाय इस्राइल के अशकेलोन बंदरगाह पर सामान उतार देना चाहिए, जिससे इस्राइल की जांच के बाद मदद को गाजा तक पहुंचाया जा सके।
काफिले में इतालवी सांसद भी शामिल
इस काफिले में इटली के नागरिकों के साथ-साथ इतालवी संसद और यूरोपीय संसद के सदस्य भी शामिल हैं। इटली के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने इस्राइल को सूचित किया है कि यदि इस्राइली सेना को कोई कार्रवाई करनी पड़े, तो वह अंतरराष्ट्रीय कानून और पूरी सावधानी के साथ की जाए। विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने इस्राइल से आग्रह किया है कि वह नौकाओं पर मौजूद सभी व्यक्तियों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करे।
काफिले पर पहले भी हुए हमले
ग्लोबल सुमूद फ्लोटिला ने बताया कि 1 सितंबर को स्पेन से रवाना होने के बाद से अब तक उस पर कई बार हमले हो चुके हैं। इनमें से दो हमले ट्यूनिशिया के जलक्षेत्र में हुए थे। यह अब तक का सबसे बड़ा प्रयास माना जा रहा है, जो गाजा पट्टी की 18 साल पुरानी नौसैनिक नाकाबंदी को तोड़ने के लिए किया गया है। इससे पहले, मई महीने में भी एक जहाज पर माल्टा के पास अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में ड्रोन हमला हुआ था। इसके अलावा, उत्तरी अफ्रीका से एक स्थलीय काफिले को गाजा की ओर जाने से रोकने के लिए मिस्र समर्थक सुरक्षा बलों ने पूर्वी लीबिया में घेराबंदी कर दी थी। सबसे बड़ी और हिंसक घटना 2010 में हुई थी, जब इस्राइली कमांडो ने मावी मारमारा नाम के जहाज पर छापा मार दिया था, जिसमें 10 तुर्किये कार्यकतार्ओं की मौत हो गई थी।
गाजा में गंभीर मानवीय संकट बरकरार
गाजा में लगभग दो साल से युद्ध जारी है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 65000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे हैं। हाल ही में विश्व की प्रमुख भूख संकट निगरानी संस्था ने चेतावनी दी थी कि इस्राइल की नाकाबंदी और लगातार सैन्य अभियान ने गाजा सिटी को भुखमरी की कगार पर ला दिया है।