आज सावन का चौथा और आखिरी सोमवार है। पहले, दूसरे और तीसरे सोमवार की ही तरह देश के सभी शिव मंदिरों पर भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं। झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम में कांवड़ियों समेत कई मंदिरों में लोग जल चढ़ाने पहुंचे।
By: Arvind Mishra
Aug 04, 20257 hours ago
भोपाल/नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
आज सावन का चौथा और आखिरी सोमवार है। पहले, दूसरे और तीसरे सोमवार की ही तरह देश के सभी शिव मंदिरों पर भक्तों की लंबी कतारें लगी हैं। झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम में कांवड़ियों समेत कई मंदिरों में लोग जल चढ़ाने पहुंचे। वहीं आखिरी सोमवार के कारण महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ धाम में 5 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का दावा किया गया है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के पट रात 2.30 बजे खोले गए। सुबह भस्म आरती की गई। मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ की शाही सवारी निकाली जाएगी। इस आयोजन में मध्य प्रदेश सीएम डॉ. मोहन यादव भी शामिल होंगे।
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने सावन माह के चौथे और अंतिम सोमवार के अवसर पर मंदिर के बाहर कतार में खड़े भक्तों पर पुष्प वर्षा की। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए कतार में लगे रहे।
आज श्रावण माह का चौथा और अंतिम सोमवार है। शाम 4 बजे महाकाल भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पालकी में श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में, गजराज पर श्री मनमहेश रूप, गरुड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश जी स्वरूप में दर्शन देंगे। मंदिर के सभा मंडप में भगवान की पालकी का पूजन होगा। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। सवारी के साथ घुड़सवार पुलिस दल, सशस्त्र पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली के सदस्य व पुलिस बैंड भी शामिल रहेंगे।
सवारी के दौरान 4 जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल सहभागिता करेगें। जिसमे मनीष के नेतृत्व में धार से भगोरिया नृत्य, मोजीलाल ड़ाडोलिया छिंदवाड़ा का भारिया जनजातीय भड़म नृत्य, उज्जैन की कृष्णा वर्मा के नेतृत्व में मटकी लोक नृत्य, राहुल धुर्वे सिवनी के नेतृत्व में गोंड जनजातीय सैला नृत्य शामिल है।
बाबा महाकाल की सवारी को भव्य स्वरूप देने के लिए हर सवारी अलग-अलग थीम पर निकाली जा रही है। इस बार चौथी सवारी में मध्यप्रदेश के विभिन्न पर्यटन पर झांकियां शामिल होगी। इसमें वन्य जीव पर्यटन के अंतर्गत मध्य प्रदेश के प्रमुख वन्य जीव पर्यटन स्थल कान्हा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, रातापानी टाइगर रिजर्व एवं पन्ना टाइगर रिजर्व की झांकी होगी। धार्मिक पर्यटन की झांकी में कृष्ण पथेय ओंकारेश्वर के आदि शंकराचार्य एकात्म धाम की झांकी रहेगी। ऐतिहासिक पर्यटन में ग्वालियर के किला, चंदेरी का किला, खजुराहो के मंदिर प्रदर्शित होंगे। ग्रामीण पर्यटन की झांकी में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा ओरछा में संचालित होम स्टे व ओरछा मंदिर की प्रतिकृति शामिल रहेगी।