भारत चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय सभी जिलों में एसआईआर प्रक्रिया तेजी से करवा रहा है। दिन में तीन बार कलेक्टरों से रिपोर्ट तलब की जा रही है। चार नवंबर से एसआईआर का कार्य शुरू हुआ था, जिसका प्रारूप परिणाम 16 दिसंबर को प्रकाशित होगा।
By: Arvind Mishra
Dec 09, 20251:09 PM
भोपाल। स्टार समाचार वेब
भारत चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय सभी जिलों में एसआईआर प्रक्रिया तेजी से करवा रहा है। दिन में तीन बार कलेक्टरों से रिपोर्ट तलब की जा रही है। चार नवंबर से एसआईआर का कार्य शुरू हुआ था, जिसका प्रारूप परिणाम 16 दिसंबर को प्रकाशित होगा। अभी शिफ्टेड मतदाताओं की सूची प्राप्त नहीं हुई है, जो प्रकाशन से पहले स्पष्ट की जाएगी। दरअसल, मध्यप्रदेश में मतदाता सूची फ्रीज किए जाने के बाद चल रही एसआईआर जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पिछले 35 दिनों में 8 लाख 13 हजार मतदाता मृत पाए गए हैं, जिनके नाम 16 दिसंबर को जारी होने वाली प्रारूप मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। इसके अलावा 2 लाख 43 हजार 603 मतदाताओं के नाम अलग-अलग सूचियों में डबल मिले हैं, जिन्हें एक सूची में रखकर अन्य से हटाया जाएगा। इस तरह अब तक की प्रक्रिया में 10 लाख 37 हजार 137 नाम काटने की स्थिति बन गई है। हालांकि दावा किया जा रहा है कि अभी यह संख्या अभी बढ़ सकती है।
इन जिलों में सबसे अधिक मृत वोटर
बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के जबलपुर और सागर में मृत मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा, जबकि सीहोर और पन्ना में सबसे कम पाई गई है। हालांकि आयोग ने इन आंकड़ों को अभी आधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं किया है।
कल तक होगा सत्यापन
एसआईआर कार्यवाही के तहत अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और डबल-एंट्री वाले मतदाताओं की पहचान के लिए 10 दिसंबर तक हर मतदान केंद्र पर बीएलओ-बीएलए की बैठकें आयोजित की जा रही हैं। प्रदर्शित सूचियों का राजनीतिक दलों से अवलोकन कराने और 11 दिसंबर तक आपत्तियां दर्ज कराने की समय-सीमा तय की गई है, ताकि इछड ऐप के माध्यम से समय पर संशोधन किया जा सके।
भोपाल से हटेंगे 4 लाख 7944 नाम
इधर, राजधानी भोपाल की मतदाता सूची से 4 लाख 7944 नाम हट सकते हैं। एसआईआर में ये वोटर या तो अपने पत्ते पर नहीं मिले, या फिर और कहीं शिफ्ट हो गए। इनमें से 31 हजार से ज्यादा मतदाता मृत भी हो चुके हैं। इस वजह से वोटर लिस्ट से इन्हें हटाने की कार्रवाई होगी। मंत्री कृष्णा गौर की गोविंदपुरा विधानसभा में 61 हजार से ज्यादा वोटर शिफ्ट हुए हैं। वहीं, मंत्री विश्वास सारंग की विधानसभा नरेला में 5679 वोटर मृत मिले। हुजूर विधानसभा में भी मृत वोटर की संख्या 5 हजार से ज्यादा है।
10.5 फीसदी नो मेपिंग के दायरे में
भोपाल में एसआईआर के डिजिटलाइजेशन का काम पूरा हो चुका है। 17 लाख 17 हजार 981 वोटर्स के फॉर्म डिजिटलाइज किए गए। दूसरी ओर, 2 लाख 23 हजार वोटर्स ऐसे मिले, जिनका 2003 की वोटर्स लिस्ट के अनुसार डेटा नहीं मिला है। कुल 10.5 प्रतिशत वोटर्स को नो मेपिंग के दायरे में रखा गया है। इनका रिकॉर्ड 50 दिन के अंदर जिला प्रशासन ढूंढेंगा। यदि रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो नाम भी काटे जाएंगे।