मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में माननीय की बल्ले-बल्ले होने वाली है। विधायकों को घर और गाड़ी के लिए सब्सिडी पर मिलने वाले कर्ज की राशि को दो गुना करने के प्रस्ताव को वित्त विभाग की सहमति के बाद उच्च स्तर से हरी झंडी मिल गई है।
By: Star News
Jun 08, 20252 hours ago
भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में माननीय की बल्ले-बल्ले होने वाली है। विधायकों को घर और गाड़ी के लिए सब्सिडी पर मिलने वाले कर्ज की राशि को दो गुना करने के प्रस्ताव को वित्त विभाग की सहमति के बाद उच्च स्तर से हरी झंडी मिल गई है। अब संसदीय कार्य विभाग जल्द ही प्रस्ताव को कैबिनेट में रखेगा। मंजूरी के बाद विधायकों को घर के लिए 25 की बजाय 50 लाख तक और गाड़ी के लिए 15 की बजाय 30 लाख रुपए तक कर्ज मिलेगा। विधायकों को घर और गाड़ी खरीदने के लिए मिलने वाले लोन के ब्याज में छूट देने पर राज्य सरकार विचार कर रही है। प्रदेश के विधायकों को यह सुविधा 5 साल मिलने की संभावना है। प्रदेश में कोविड लगने से पहले यह सुविधा दी जा रही थी।
दरअसल, विधायकों को मिलने वाले लोन में ब्याज पर छूट देने की सुविधा 15वीं विधानसभा के समय दी जाती थी, लेकिन 2020 में कोविड पेंडेमिक में कोरोना फैलने के चलते यह योजना रोक दी गई थी। अब 2023-2028 के लिए नए चुने गए विधायकों की मांग पर यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।
मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा तक विधायकों को 4 फीसदी रियायती ब्याज दर पर 15 लाख रुपए का कार लोन तो 25 लाख रुपए का हाउसिंग लोन मिलता था। अब सरकार इसे बढ़ाने जा रही है। इसके चलते अब विधायक 25 लाख का कार लोन मिलेगा। वहीं, 50 लाख रुपए तक का होम लोन लेने के लिए पात्र होंगे।
सरकार ने विधायकों को लोन के लिए दो तरह की नीतियां बनाई है। इसके अनुसार यदि कोई विधायक 15 लाख से अधिक का कार लोन और 25 लाख से अधिक का होम लोन लेता है तो ऐसी स्थिति में सरकार केवल 2 प्रतिशत ब्याज की छूट देगी। वहीं, जो विधायक इस राशि से कम का लोन लेता है तो उसे पहले की तरह 4 फीसदी ब्याज चुकाना होगा, बाकी बाजार दरों का अंतर सरकार वहन करेगी।
संसदीय कार्य विभाग की तरफ से तैयार किए इस संसोधित प्रस्ताव को वित्त विभाग ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इस प्रस्ताव को विस अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और सीएम मोहन के बीच हुई चर्चा के बाद आगे बढ़ाया गया। अब मंगलवार को होने वाली कैबिनेट में प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब यह खुलासा हुआ है कि मौजूदा विधानसभा के 240 विधायकों में से 204 के पास 1 करोड़ से अधिक की संपत्ति है। वहीं, जिनके पास 5 करोड़ से अधिक की संपत्ति है उन विधायकों की संख्या 100 के करीब है।