महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई ट्रेन धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें 12 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की मांग की है।
By: Arvind Mishra
Jul 22, 20258 hours ago
मुंबई। स्टार समाचार वेब
महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई ट्रेन धमाकों के मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें 12 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तारीख तय की है। दरअसल, सोमवार को 2006 के मुंबई ट्रेन बम विस्फोट केस में सभी 12 आरोपियों को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। इसी फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई करने पर सहमति जताई। गौरतलब है कि सोमवार देर शाम को ही महाराष्ट्र सीएम ने देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने केस को गुरुवार के लिए सूचीबद्ध किया। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि इसकी जल्द सुनवाई जरूरी है।
उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि अभियोजन पक्ष मामले को साबित करने में पूरी तरह विफल रहा। इससे यह विश्वास करना मुश्किल है कि आरोपी ने अपराध किया है। 2006 में हुए सात रेल धमाकों में 180 से अधिक लोग मारे गए थे।
11 जुलाई 2006 को शाम के वक्त, जब मुंबई की लोकल ट्रेनें यात्रियों से खचाखच भरी थीं, सात जगहों पर आरडीएक्स बम धमाके हुए। ये धमाके खार-सांताक्रूज, बांद्रा-खार, जोगेश्वरी, माहिम, मीरा रोड-भायंदर, माटुंगा-माहिम और बोरीवली में हुए। सिर्फ 11 मिनट के अंदर इन धमाकों ने शहर को दहला दिया। पहले सात अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं, लेकिन बाद में केस को एटीएस को सौंप दिया गया।