नेपाल में जारी युवाओं के उग्र विरोध प्रदर्शन का असर अब जेलों तक पहुंच गया है। सप्तरी जिले की राजविराज जेल में कैदियों ने बुधवार को हंगामा कर ब्लॉक बी में आग लगा दी, जिससे जेल में अफरातफरी मच गई। इस दौरान कई कैदी फरार हो गए। जेल अधीक्षक के मुताबिक आग जानबूझकर लगाई गई थी।
By: Sandeep malviya
Sep 10, 2025just now
काठमांडू । नेपाल में चल रहे जेन जेड के हिंसक विरोध प्रदर्शन का असर अब नेपाल के जेलों पर भी देखने को मिलने लगा है। फलस्वरूप बुधवार को सप्तरी जिले की राजविराज जेल में पहले तो कैदियों ने जमकर हंगामा किया, फिर ब्लॉक बी में आग लगा दी, जिससे जेल में भारी अफरातफरी फैल गई। इसी दौरान कई कैदी जेल तोड़कर फरार हो गए। मामले में जेल अधीक्षक गंगा योगी ने बताया कि आगजनी जानबूझकर की गई थी। हालात काबू में लाने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
बता दें कि जब ये घटना हुई उस समय जेल में 397 कैदी बंद थे। हालांकि आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ी मौके पर भेजी गई और नेपाली सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस को तैनात किया गया ताकि भगोड़े कैदियों को पकड़ा जा सके और जेल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बीरगंज जेल में भी बगावत, चार घायल
राजविराज जेल से पहले इसी दिन पर्सा जिले की बीरगंज जेल में भी कैदियों ने दक्षिणी दीवार तोड़कर भागने की कोशिश की। करीब एक घंटे तक चली झड़प के बाद हवाई फायरिंग और आंसू गैस से हालात काबू में लाए गए। इस दौरान चार कैदी मामूली रूप से घायल हो गए।
भारतीय सीमा पर पकड़े गए पांच कैदी
इतना ही नहीं राजविराज जेल से भागे पांच कैदी भारत में घुसने की कोशिश करते हुए उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) द्वारा पकड़े गए। ये कैदी भारत-नेपाल सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आईडी प्रूफ न होने पर शक हुआ और पूछताछ में पता चला कि ये नेपाल से फरार कैदी हैं। हालांकि गिरफ्तारी के बाद इन कैदियों को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, नेपाल में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों और जन आक्रोश के कारण कई जेलों में हालात बिगड़ रहे हैं। गौरतलब है कि नेपाल की राजधानी काठमांडू की डिल्लीबजार जेल से भी बड़ी संख्या में कैदी भागने की खबरें सामने आई हैं। स्थिति को देखते हुए नेपाल सेना ने राजधानी की जेलों की सुरक्षा संभाल ली है, क्योंकि पुलिस अधिकांश जगहों से हट चुकी है, सिर्फ पुलिस मुख्यालय में तैनात है।