चुनावों में मिल रही हार के बाद हार से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी केंद्रीय चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। हालांकि अभी तक जितने भी आरोप लगाए हैं, सब बेबुनियाद ही साबित हुए हैं। इसी बीच देश की 272 नामचीन हस्तियों ने चुनाव आयोग के समर्थन में खुला खत जारी किया है।
By: Arvind Mishra
Nov 19, 202512:51 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
चुनावों में मिल रही हार के बाद हार से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी केंद्रीय चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। हालांकि अभी तक जितने भी आरोप लगाए हैं, सब बेबुनियाद ही साबित हुए हैं। इसी बीच देश की 272 नामचीन हस्तियों ने चुनाव आयोग के समर्थन में खुला खत जारी किया है। इनमें 16 पूर्व जज, 123 सेवानिवृत्त नौकरशाह, 14 पूर्व राजदूत और 133 पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं। पत्र में कांग्रेस और विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाया गया है कि वे लगातार बेबुनियाद आरोपों के जरिए चुनाव आयोग सहित संवैधानिक संस्थाओं की साख खराब करने की साजिश कर रहे हैं। पत्र में आह्वान किया गया है कि आयोग पारदर्शिता बनाए रखे और आवश्यक हो तो कानूनी रास्तों से अपनी साख की रक्षा करे। साथ ही राजनीतिक दलों से कहा कि वे बिना सबूत आरोप लगाने के बजाय नीतिगत विकल्प प्रस्तुत करें और लोकतांत्रिक फैसलों को सम्मानजनक रूप से स्वीकार करें।
जहरीली राजनीति
भारत का लोकतंत्र आज किसी बाहरी हमले से नहीं, बल्कि जहरीली राजनीतिक बयानबाजी से चुनौती का सामना कर रहा है। सिग्नेटरी में विपक्ष की ओर से आयोग के खिलाफ सबूत होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन कोई औपचारिक शिकायत या हलफनामा अब तक नहीं पेश गया है, जिससे यह साबित होता है कि आरोप सिर्फ राजनीतिक रणनीति हैं, सच्चाई नहीं।
एटम बम मतलब धमकी
जारी पत्र में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों का जिक्र किया गया है, जिनमें उन्होंने आयोग पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया था और यहां तक कहा था कि उनकी खोज एटम बम जैसी है। पत्र में यह भी कहा गया कि इस तरह के बयानों से आयोग के अधिकारियों को धमकाने की कोशिश झलकती है।
भाजपा की बी-टीम बताना हताशा
पत्र में कहा गया है कि आयोग ने एसआईआर प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ सार्वजनिक किया है। कोर्ट की निगरानी वाले तरीकों से सत्यापन किया है। फर्जी वोटरों को हटाया है। नए पात्र मतदाताओं को जोड़ा है। ऐसे में आयोग को भाजपा की बी-टीम बताना एक राजनीतिक हताशा है, न कि तथ्यों पर आधारित आरोप।
हार पर आयोग ‘विलेन’
पत्र में यह भी कहा गया है कि जब विपक्षी दलों को राज्यों में अनुकूल चुनाव परिणाम मिलते हैं तो एउ की आलोचना गायब हो जाती है, लेकिन प्रतिकूल परिणाम आने पर आयोग विलेन बना दिया जाता है। यह सेलेक्टिव आक्रोश राजनीतिक अवसरवाद को उजागर करता है।
फर्जी वोटर हटाना अनिवार्य
पत्र में चेतावनी दी गई है कि देश की मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं और गैर-नागरिकों को हटाना लोकतंत्र के लिए अनिवार्य है। अमेरिका, ब्रिटेन, आॅस्ट्रेलिया, जापान, जर्मनी जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा गया कि दुनिया भर में नागरिकता आधारित मतदान ही लोकतांत्रिक आधारशिला माना जाता है। भारत को भी इसी कठोरता से अपनी मतदाता सूची की शुचिता बनाए रखनी चाहिए।