प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीन में शंघाई सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने एससीओ के सदस्यों के सत्र में भारत का वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान दुनिया के सामने आतंकवाद का मुद्दा रखा। प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया।
By: Arvind Mishra
Sep 01, 2025just now
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को चीन में शंघाई सहयोग परिषद शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने एससीओ के सदस्यों के सत्र में भारत का वक्तव्य दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान दुनिया के सामने आतंकवाद का मुद्दा रखा। प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत या कोई भी देश आतंकवाद को उग्रवाद, अलगाववाद और आतंकवाद बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एससीओ के सदस्य के रूप में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है। एससीओ के लिए भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन अहम स्तंभों पर आधारित है। उन्होंने इस दौरान एससीओ का एक अलग अर्थ- सिक्योरिटी-कनेक्टिविटी-आपर्च्युनिटी बताया। पीएम मोदी ने आतंक के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। हाल ही में, हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा। मैं इस दु:ख की घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। हमें स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है। हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा। मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है।
पीएम मोदी ने कहा कि सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार हैं। लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियां हैं। आतंकवाद सिर्फ़ एक देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है। कोई भी देश, कोई भी समाज, कोई भी नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर जोर दिया है। भारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की। हमने आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ आवाज उठाई। इसमें आपके सहयोग के लिए मैं आभार व्यक्त करता हूं।
इस वर्ष भारत ने अल-कायदा और उससे जुड़े संगठनों के खिलाफ संयुक्त सूचना अभियान की अगुवाई की। हमने कट्टरपंथ से निपटने और समन्वय बढ़ाने के लिए संयुक्त कदमों का प्रस्ताव रखा। पीएम ने याद दिलाया कि भारत पिछले चार दशकों से निर्दयी आतंकवाद का शिकार रहा है। कई माताओं ने अपने बच्चों को खोया है और अनेक बच्चे अनाथ हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ भारत की अंतरात्मा पर चोट नहीं बल्कि मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और हर व्यक्ति के लिए एक चुनौती है।