By: Arvind Mishra
Nov 05, 20251:19 PM
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
दुनियाभर में एआई कंपनियां अपने डेटा सेंटर को लेकर काम कर रही हैं। कोई धरती पर या फिर कोई समंदर के अंदर डेटा सेंटर बना रहा है। इस दिशा में गूगल एक कदम आगे निकलता नजर आ रहा है। अब गूगल अंतरिक्ष में एआई कंप्यूटिंग सिस्टम को बनाने जा रहा है, जिसको आगे डेटा सेंटर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसको लेकर गूगल ने एक सफल परीक्षण किया है और सीईओ सुंदर पिचाई ने पोस्ट करके इसकी जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि गूगल ने लो अर्थ ऑर्बिट में पाई जाने वाले रेडिएशन की कंडिशन को फॉलो करते हुए एक सफल टेस्टिंग की है। इसमें ट्रिलियम-जनरेशन टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट्स को टेस्ट किया है। प्रोजेक्ट सनकैचर के लिए यह एक बड़ी सफलता है। इस प्रोजेक्ट की मदद से गूगल अपने सबसे महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक को पूरा करना चाहते है। कंपनी इसकी मदद से अंतरिक्ष में एआई कंप्यूटिंग सिस्टम का सेटअप लगाना चाहता है, जिसको सूरज की रोशनी से पावर मिलेगी।
सुंदर पिचाई ने बताया कि टीपीयू असल में खास तरह की चिप हैं, जिनको आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के काम को बेहतर बनाने के लिए तैयार किया है। इन चिपों की टेस्टिंग रेडिएशन एक्सपोजर के दौरान की गई और इन चिपों पर डैमेज का कोई भी निशान नहीं दिखा है। सफल टेस्टिंग से इस बात के पॉजिटिव साइन मिलते हैं कि गूगल का एडवांस्ड हार्डवेयर सिस्टम, आउटर स्पेस के खतरनाक एनवायरमेंट का भी सामना कर सकेगा।
आउटर स्पेस में हाई रेडिशन और तापमान तेजी से बदलता है। इस प्रोजेक्ट का मकसद सूर्य से आने वाली ऊर्जा को पावर में बदलने का है। इसके लिए सोलर पावर पैनल्स का उपयोग किया जा सकता है। इस पावर को पृथ्वी के लो ओर्बिट में स्थापित लार्ज स्केल एआई कंप्यूटर सिस्टम में ट्रांसफर किया जाएगा।

दरअसल, एआई मॉडल जैस-चैटजीपीटी, जेमिनी, क्लाउड आदि को चलाने के लिए बहुत ज्यादा बिजली की जरूरत होती है। बिजली की इस जरूरत को पूरा करने के लिए अगर कोयला, गैस या डीजल का इस्तेमाल होता है तो काफी ज्यादा प्रदूषण होगा। ऐसे में कंपनी इसको सोलर पावर से चलाना चाहती है, जिसके लिए लो अर्थ ऑर्बिट में पूरा सेटअप लगाने का प्लान बनाया है।
गूगल को इस प्रोजेक्ट की प्रेरणा मूनशूट प्रोजेक्ट से मिली है, जिसे अब अल्फाबेट की एक्स डिविजन के रूप में जाना जाता है। इस डिविजन का काम अनोखी टेक्नोलॉजी तैयार करना है, जो अधिकतर लोगों की सोच से परे होती हैं।
सुंदर पिचाई ने बताया कि अगर सब कुछ ठीक चला तो 2027 की शुरुआत तक ग्रह कंपनी के साथ मिलकर अपने दो प्रोटोटाइप सेटेलाइट लॉन्च करेगी। इसके बाद प्रोजेक्ट को आगे भी लेकर जाएंगे।