दरअसल, कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान ने एक बार फिर बिना सिर पैर वाली बात की है। पाकिस्तान ने बयान दिया कि कश्मीर मसले के समाधान के लिए वह अमेरिका समेत किसी भी देश की मदद लेने के लिए तैयार है।
By: Arvind Mishra
Aug 09, 20252 hours ago
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
पाकिस्तान ने कहा कि वह कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए अमेरिका या किसी भी अन्य देश की मदद का स्वागत करेगा। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में यह बात कही। खान से जब कश्मीर मुद्दे में अमेरिका की रुचि के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा-हम न केवल अमेरिका से, बल्कि किसी भी ऐसे देश से मदद का स्वागत करते हैं जो स्थिति को स्थिर करने और कश्मीर विवाद को हल करने में मदद कर सके। दरअसल, कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान ने एक बार फिर बिना सिर पैर वाली बात की है। पाकिस्तान ने बयान दिया कि कश्मीर मसले के समाधान के लिए वह अमेरिका समेत किसी भी देश की मदद लेने के लिए तैयार है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान न केवल अमेरिका से, बल्कि किसी भी ऐसे देश से मदद का स्वागत करेगा जो कश्मीर विवाद को हल करने और स्थिति को स्थिर करने में मदद कर सके। उन्होंने कहा कि यह विवाद दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा के मुद्दों के केंद्र में है। दूसरी ओर, भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं चाहता है। 1972 के शिमला समझौते में भी दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार किया गया था।
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकवाद पर बोलते हुए खान ने कहा कि अफगानिस्तान से फैल रहे आतंकवाद के मुद्दे को कई बार उठाया गया है। उन्होंने खनिज निकालने के लिए अमेरिका के साथ किसी गुप्त समझौते की खबरों को खारिज किया और यूक्रेन संघर्ष में पाकिस्तानी नागरिकों की संलिप्तता के आरोपों को बेबुनियाद बताया। खान ने कहा कि यूक्रेन के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर पाकिस्तान से औपचारिक संपर्क नहीं किया है।
भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ बातचीत में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं चाहता। 1972 के शिमला समझौते में भी दोनों देशों के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार किया गया था। भारत ने यह भी साफ किया है कि वह पाकिस्तान के साथ केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा।
मई में दोनों देशों के बीच हुए चार दिवसीय संघर्ष के बाद से किसी भी तरह का आपसी संपर्क नहीं हुआ है। खान ने कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे के समाधान के लिए अमेरिका की रुचि का स्वागत करता है, लेकिन भारत को अपना मन बनाना होगा। फिलहाल, दोनों पक्षों के बीच नियमित राजनयिक संपर्क के अलावा कोई बातचीत नहीं हो रही है।