पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आत्मनिर्णय और 38 सूत्रीय मांगों को लेकर शुरू हुए प्रदर्शनों पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने गोलीबारी कर दी, जिसमें छह से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। मुजफ्फराबाद, मीरपुर और कोटली में लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं।
By: Sandeep malviya
मुजफ्फराबाद/जिनेवा। पाकिस्तानी सेना का अमानवीय चेहरा एक बार फिर सामने आया है। पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर यानी पीओजेके में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बेरहमी से फायरिंग की। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें छह लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारी अपनी 38 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। इन मांगों में आत्मनिर्णय का अधिकार, सस्ती बिजली और आटा आपूर्ति जैसे मुद्दे प्रमुख हैं।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 सितंबर से शुरू हुए प्रदर्शनों को रोकने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स ने मुजफ्फराबाद और अन्य हिस्सों में गोलीबारी की। इंटरनेट, मोबाइल और लैंडलाइन सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। सड़कों पर फौज तैनात कर लोगों को घरों में कैद करने की कोशिश की जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में पुलिस और रेंजर्स को आंसू गैस के गोले दागते और लाठीचार्ज करते देखा गया।
प्रदर्शनकारियों की जिद
मीरपुर जिले के दुदयाल इलाके में प्रदर्शनकारियों ने एक मृतक का शव दफनाने से इंकार कर दिया और साफ कहा कि जब तक प्रशासन उनकी मांगें नहीं मानता, अंतिम संस्कार नहीं होगा। वहीं, संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (जेएसी) की अगुवाई में मीरपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में विशाल रैलियां निकाली गईं। इन रैलियों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी और एकजुटता को साफ कर दिया।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
इन विरोध प्रदर्शनों की शुरूआत दो साल पहले हुई थी। उस समय लोग आटे और बिजली की नियमित व सब्सिडी वाली आपूर्ति की मांग कर रहे थे। धीरे-धीरे आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया और इसमें मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, आरक्षित सीटों की समाप्ति, और कश्मीरी अभिजात वर्ग के विशेषाधिकार खत्म करने जैसे मुद्दे भी जुड़ गए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार ने दो साल पहले जो समझौता किया था, उसे लागू नहीं किया गया।
38 सूत्रीय मांगपत्र
इस बार प्रदर्शनकारियों ने 38 सूत्रीय मांगपत्र पेश किया है। इसमें 12 आरक्षित सीटों को खत्म करना, करों में छूट देना, सड़क निर्माण कार्यों को पूरा करना, आटे और बिजली पर सब्सिडी जारी रखना और न्यायपालिका में सुधार जैसे मुद्दे शामिल हैं। इन मांगों को लेकर मुजफ्फराबाद के लाल चौक पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए, जहां जेएसी नेता शौकत नवाज मीर ने लोगों को संबोधित किया और सरकार पर दबाव बढ़ाया।
पाकिस्तान पर गंभीर आरोप
जम्मू-कश्मीर नेशनल अलायंस के चेयरमैन महमूद कश्मीरी ने पाकिस्तान पर पीओजेके को सैन्य अड्डा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में सैनिक तैनात कर दिए हैं और हथियार आम नागरिकों में बांटे जा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे शांति पूर्ण प्रतिरोध पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने इस्लामाबाद को चेतावनी दी कि फौज को तुरंत हटाए और आम नागरिकों की हत्या की साजिश रोके, वरना बड़ा जनविरोध खड़ा होगा।