तुर्किये में यूक्रेन के साथ शांति वार्ता असफल रहने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हमें यह परमाणु हथियारों का प्रयोग करने की गलती करने के लिए मजबूर करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन हमारे पास इस विकल्प के बिना भी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त ताकत है।
By: demonews
May 18, 20256 hours ago
मॉस्को। तीन साल से चल रही रूस-यूक्रेन जंग को रोकने की कोशिशें जारी हैं। तुर्किये में दोनों देशों के बीच शांति वार्ता असफल रहने के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को करारा जवाब दिया है। पुतिन ने कहा कि परमाणु हथियारों का उपयोग किए बिना भी रूस के पास यूक्रेन अभियान को पूरा करने और स्थायी शांति कायम करने के लिए पर्याप्त ताकत है। एक टीवी इंटरव्यू में पुतिन ने कहा कि हमें यह परमाणु हथियारों का प्रयोग करने की गलती करने के लिए मजबूर करने के कई प्रयास किए गए, लेकिन हमारे पास इस विकल्प के बिना भी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त ताकत है। हम संकट के मूल कारणों को समाप्त करना, दीर्घकालिक और स्थायी शांति के लिए परिस्थितियां बनाना तथा रूस को सुरक्षा प्रदान करना चाहते हैं। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन में दीर्घकालिक शांति और रूसी भाषी आबादी के अधिकारों की सुरक्षा रूस के विशेष सैन्य अभियान का मुख्य परिणाम होना चाहिए। पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष को हल करने का आह्वान किया। साथ ही संकट के मूल कारणों का समाधान करते समय रूस के हितों को ध्यान में रखने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक शांति स्थापित करने का यही एकमात्र तरीका है, जो कि मास्को चाहता है। पुतिन ने अमेरिकी हितों का सम्मान करने के लिए रूस की तत्परता और पारस्परिक सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका की पूरी आबादी और अमेरिकी राष्ट्रपति समेत उनका नेतृत्व के अपने राष्ट्रीय हित हैं और हम उसका सम्मान करते हैं। हमें उम्मीद है कि वे हमारे साथ भी वैसा ही व्यवहार करेंगे।
ट्रंप से करेंगे फोन पर बात
रूसी राष्ट्रपति पुतिन सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर यूक्रेन को लेकर चर्चा करेंगे। इससे पहले वह ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ से तीन दौर की वार्ता कर चुके हैं। इसमें दोनों पक्ष क्रीमिया और रूसी कब्जे वाले क्षेत्रों की स्थिति, नाटो में यूक्रेन को शामिल न करने के मुद्दों पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। जबकि यूक्रेन से सेना हटाने और यहां विदेशी सैनिकों की तैनाती के मुद्दे पर सहमति नहीं बनी है।