देश का प्रमुख वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन एफआईबीएसी-2025 मुंबई में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रतिष्ठित आयोजन का संयुक्त रूप से संचालन फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। आरबीआई के गवर्नर ने में देश की आर्थिक स्थिरता, मौद्रिक नीति और भविष्य की विकास रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए।
By: Arvind Mishra
Aug 25, 20253 hours ago
मुंबई। स्टार समाचार वेब
देश का प्रमुख वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन एफआईबीएसी-2025 मुंबई में आयोजित किया जा रहा है। इस प्रतिष्ठित आयोजन का संयुक्त रूप से संचालन फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने वार्षिक बैंकिंग सम्मेलन में देश की आर्थिक स्थिरता, मौद्रिक नीति और भविष्य की विकास रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए। मल्होत्रा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की पीढ़ियों ने हमें एक स्वतंत्र भारत दिया है, अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक समृद्ध भारत के निर्माण के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 महीने के व्यापारिक निर्यात को कवर करने के लिए पर्याप्त रूप से मजबूत है, इससे अर्थव्यवस्था को वैश्विक झटकों के खिलाफ सुरक्षा मिलेगी। हमारे पास बहुत मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार है, हमारे पास उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 695 बिलियन डॉलर है। यह 11 महीने के व्यापारिक निर्यात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। यह ध्यान देने देने वाली बात है कि आरबीआई आमतौर पर विदेशी मुद्रा भंडार को आयात के आधार पर मापता है, निर्यात के आधार पर नहीं। भारत को अपनी नीतियों और नवाचार के जरिए वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए विकास की नई ऊंचाइयों को छूने की जरूरत है।
आरबीआई गवर्नर ने केंद्रीय बैंक के नियमों यानी विनियमों की समीक्षा के लिए एक नियामक समीक्षा प्रकोष्ठ बनाने की बात कही है। प्रस्तावित प्रकोष्ठ 5-7 वर्षों में कम से कम एक बार सभी विनियमों की समीक्षा करेगा। केंद्रीय बैंक मूल्य स्थिरता व आर्थिक विकास के उद्देश्य से मौद्रिक नीति का संचालन जारी रखेगा। हम वित्तीय स्थिरता को मजबूत करना जारी रखेंगे, यह हमारा प्राथमिक उद्देश्य है।
संजय मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई बैंक ऋण बढ़ाने के उपायों की जांच कर रहा है। आरबीआई को उम्मीद है कि विनियमित संस्थाएं ग्राहकों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करेंगी। अस्थिर वैश्विक आर्थिक माहौल पर बोलते हुए मल्होत्रा ने कहा कि हमें इससे आगे बढ़ते हुए विकास की सीमाओं का विस्तार करने की जरूरत है।
मल्होत्रा ने बैंकों और कंपनियों से एक साथ आने और निवेश चक्र बनाने के लिए उत्साह बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि देश अस्थिर वैश्विक आर्थिक माहौल से गुजर रहा है। मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि हम भले ही एक-दूसरे से विपरीत दिशा में खड़े नजर आते हों, जहां विनियमित संस्थाएं विकास को गति देने की कोशिश कर रही हैं और नियामक स्थिरता पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, लेकिन वास्तव में हमारे उद्देश्य एक ही हैं। हम एक ही टीम में हैं, और विकसित भारत के लिए हमारा एक ही साझा दृष्टिकोण है।
मल्होत्रा ने कहा कि वह भारत की वित्तीय मध्यस्थता की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार लाने के लिए विनियमित संस्थाओं के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि लोगों तक उचित लाभ पहुंचे। ऐसे समय में जब बैंकों और कॉरपोरेट्स की बैलेंस शीट अपने सबसे अच्छे स्तर पर है, उन्हें एक साथ आना चाहिए और निवेश चक्र बनाने के लिए उत्साह को बढ़ाना चाहिए। यह समय के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक एआई और एमएल सहित प्रौद्योगिकी को अपनाना जारी रखेंगे, और सभी विनियमित संस्थाओं से अपेक्षा की कि वे अपने और अपने ग्राहकों के लाभ के लिए इन प्रौद्योगिकियों में निवेश करें।