महाराष्ट्र में नगरपालिका और नगर पंचायत चुनाव के बीच महायुति के दलों में तकरार बढ़ती जा रही है। हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा था कि उन्हें दो दिसंबर तक महायुती को बचाए रखना है। इससे संकेत मिलता है कि गठबंधन में सब ठीक नहीं है।
By: Arvind Mishra
Dec 01, 20251:48 PM
मुंबई। स्टार समाचार वेब
महाराष्ट्र में नगरपालिका और नगर पंचायत चुनाव के बीच महायुति के दलों में तकरार बढ़ती जा रही है। हाल ही में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने कहा था कि उन्हें दो दिसंबर तक महायुती को बचाए रखना है। इससे संकेत मिलता है कि गठबंधन में सब ठीक नहीं है। इस मुद्दे पर अब शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने बयान देकर सबको चौंका दिया है। दरअसल, संजय राउत ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे के 35 विधायक टूटने वाले हैं। उन्होंने कहा कि रवींद्र चव्हाण को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष इसलिए ही बनाया गया है। एक महीने तक बीमारी के कारण राजनीति से दूर रहने के बाद संजय राउत आज यानी सोमवार को मीडिया के सामने आए। आते ही शिंदे गुट और भाजपा पर बड़ा हमला बोला। सांसद संजय राउत ने दोहराया कि शिंदे के 35 विधायक पार्टी छोड़ेंगे।
शिंदे की पार्टी को नहीं मानेगी शिवसेना
जब संजय राउत से पूछा गया कि क्या शिंदे शिवसेना और भाजपा में चुनावी स्पर्धा दिख रही है, तो उन्होंने तीखा जवाब दिया। हम शिंदे की पार्टी को शिवसेना मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की नियुक्ति इसी काम के लिए की गई है। शिंदे सोचते हैं कि दिल्ली के दो नेता उनके साथ हैं, लेकिन वे किसी के नहीं हैं।
लक्ष्मी दर्शन पर आयोग ले संज्ञान
संजय राउत ने कहा-कल चुनाव है और मंत्री कहते हैं कि 1 तारीख को लक्ष्मी दर्शन होगा। आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए। महाराष्ट्र में नगरपालिका/नगर पंचायत चुनावों में पहले कभी इतना पैसा नहीं बहाया गया था। अब तो एक चुनाव के लिए 10-15 करोड़ का बजट और 5-6 हेलीकॉप्टर लगाए जा रहे हैं। यह सत्ता के तीन दलों की आपसी स्पर्धा है।
बड़े पैमाने पर पैसों का खेल चल रहा
संजय राउत ने सवाल उठाया कि इतने करोड़ रुपए खर्च करके किसके लिए लड़ रहे हो। इस राज्य की चुनावी संस्कृति पूरी तरह नष्ट हो गई है। खर्च की कोई मर्यादा नहीं रही। उन्होंने चुनावी दौर में पैसों के लेन-देन की तीखी आलोचना की। साथ ही, आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और महायुति सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर पैसों का खेल चल रहा है। आयोग को इसमें दखल देना चाहिए।