खेतों में ट्रैक्टरों की गूंज, मिट्टी की खुशबू, गेहूं, चना और धनिया की बोवनी पर जोर
By: Gulab rohit
Nov 07, 202510:04 PM
गंजबासौदा। मौसम खुलते ही खेतों में फिर से हलचल शुरू हो गई है। सुबह-सुबह - खेतों की ओर जाते किसान, ट्रैक्टरों की - आवाज और फसलों की उम्मीदों से - गांवों में रबी सीजन की शुरुआत हो गई है। खेतों में फिर से ट्रैक्टरों की गूंज, मिट्टी की खुशबू आ रही है। बीते 8 से 10 दिन तक खराब मौसम के कारण बुवाई रुकी रही। बारिश और बादलों बादलों से खेतों में नमी बनी रही, लेकिन किसान बीज डालने से बचते रहे। अब मौसम साफ होते ही किसान पूरी ताकत से बुवाई में जुट गए हैं।
सिरनोटा, भर्ती नाहे, बड़वासा, सूजा बासौदा, भाटनी, सुनारी, फतेहपुर और बरेठ सहित आसपास के गांवों में किसान सुबह से देर शाम तक खेतों मेहनत कर रहे हैं। इस बार गेहूं, चना और धनिया की बुवाई पर जोर दिया जा रहा है। खरीफ की फसलों सोयाबीन और मूंग से नुकसान हुआ। अब किसानों की उम्मीदें रबी फसलों पर टिकी हैं। कृषि विभाग के अनुसार इस बार गेहूं की बुवाई का लक्ष्य पिछले साल से करीब 10 प्रतिशत ज्यादा रखा गया है। धनिया की बुवाई भी तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल इसके अच्छे दाम मिले थे।
सोयाबीन में कीट और अधिक बारिश से उत्पादन नहीं हो सका
नाहे के किसान जितेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि खरीफ की फसलों ने इस बार किसानों को मायूस किया। सोयाबीन में कीट और अधिक बारिश से उत्पादन नहीं हो सका। मूंग की फसल भी रोगों से प्रभावित हुई। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो गई। अब रबी की फसल ही उम्मीद का सहारा है। किसानों का कहना है कि अगर मौसम साफ और स्थिर रहा तो फसल अच्छी होगी। नवंबर के अंत पड़ में ठंड और कोहरा बढ़ा तो शुरुआती फसल पर असर सकता है। ग्राम सुनारी के किसान प्रहलाद सिंह रघुवंशी ने बताया कि गांवों में सुबह से ही खेतों की ओर जाते किसानों की आवाजाही बढ़ गई है। किसान बीज साफ करने और उपचार की व्यवस्था में जुटे हैं। खेतों में ट्रैक्टरों की आवाज लगातार सुनाई दे रही है। हर किसान के चेहरे पर मेहनत और उम्मीद साफ दिख रही है। खेतों की जुताई और बोनी की तैयारी साथ-साथ चल रही है।
सलाह : प्रमाणित बीज का ही उपयोग करें
कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे प्रमाणित बीज का ही उपयोग करें। बुवाई से पहले बीज उपचार जरूर करें। शुरुआती सिंचाई समय पर करने से फसल की जड़ मजबूत बनती है। गांव-गांव में रबी फसलों की बुवाई शुरू हो चुकी है।
1650 पूसा ओजस्वी किस्म का गेहूं ज्यादा बो रहे हैं
सिरनोटा के किसान केशव दांगी ने बताया कि इस बार किसान एचआई-1650 पूसा ओजस्वी किस्म का गेहूं ज्यादा बो रहे हैं। यह किस्म भरोसेमंद मानी जाती है। इसकी पैदावार 14 से 15 क्विंटल प्रति बीघा तक होती है। इसके साथ ही उषा मानव किस्म का चना बोया जा रहा है, जो करीब 8 क्विंटल प्रति बीघा उत्पादन देता है। किसानों का कहना है कि बारिश के बाद खेतों में नमी बनी हुई है, जिससे अंकुरण अच्छा होगा। बुवाई में करीब एक हफ्ते की देरी जरूर हुई है, लेकिन मिट्टी की स्थिति बेहतर होने से नुकसान की भरपाई हो सकती है।