सूडान की सेना ने सात अगस्त को दारफुर के न्याला एयरपोर्ट पर बड़ा हवाई हमला किया। यह एयरपोर्ट पैरामिलिट्री ग्रुप रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के कब्जे में था।
By: Sandeep malviya
Aug 07, 202519 hours ago
नई दिल्ली। सूडान की सेना ने सात अगस्त को दारफुर के न्याला एयरपोर्ट पर बड़ा हवाई हमला किया। यह एयरपोर्ट पैरामिलिट्री ग्रुप रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के कब्जे में था। इस हमले में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) द्वारा भेजे गए एक सैन्य विमान को नष्ट कर दिया गया और 40 कोलंबियाई भाड़े के सैनिकों की मौत हो गई। सेना का दावा है कि यह हथियारों की एक बड़ी खेप को खत्म करने और विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ "स्पष्ट संदेश" था।
स्थानीय टीवी चैनल के मुताबिक, जिस विमान को निशाना बनाया गया वह खाड़ी क्षेत्र के एक सैन्य अड्डे से उड़ान भरकर न्याला पहुंचा था। जैसे ही विमान ने लैंड किया, उस पर लड़ाकू विमानों ने हमला कर दिया। इस कार्रवाई को सूडानी सरकार ने नए प्रतिरोध समीकरण की शुरूआत बताया। हालांकि, यूएईऔर आरएसएफ दोनों की ओर से इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
विदेशी हथियारों का अड्डा बना एयरपोर्ट
आरएसएफ ने पिछले साल न्याला शहर पर कब्जा कर लिया था और वहां के नागरिक एयरपोर्ट को सैन्य अड्डे में तब्दील कर दिया। यहां से हथियारों की सप्लाई और सोने की तस्करी की जा रही थी। सूडानी सेना कई बार इस एयरपोर्ट को निशाना बना चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, कोलंबियाई भाड़े के सैनिक आरएसएफ के लिए निजी सुरक्षा कंपनी द्वारा भर्ती किए गए थे। कोलंबियाई राष्ट्रपति ने इस पर जांच के आदेश भी दे दिए हैं।
यूएई ने रोकी सूडानी विमानों की एंट्री
हमले के कुछ ही घंटों बाद सूडान की नागरिक उड्डयन एजेंसी ने बताया कि यूएई ने बिना पूर्व सूचना के सूडानी विमानों को अपने एयरपोर्ट्स पर उतरने से रोक दिया। एक विमान को अबू धाबी एयरपोर्ट पर उड़ान भरने से भी रोक दिया गया। इससे दोनों देशों के बीच संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं। पहले से ही आरएसएफ को समर्थन देने के आरोपों को लेकर सूडान सरकार यूएई से रिश्ते तोड़ चुकी है।
अल-फशर पर आरएसएफ का घेरा
उधर, उत्तर दारफुर की राजधानी अल-फशर में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। येल यूनिवर्सिटी के एक शोध संस्थान ने सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से बताया कि आरएसएफ ने शहर को पूरी तरह घेर लिया है और हर रास्ते पर उनका नियंत्रण है। लोग शहर छोड़ने के लिए आरएसएफ की चौकियों से गुजरने को मजबूर हैं। जून से अब तक आरएसएफ द्वारा दो बाजारों, तीन स्कूलों और दो मस्जिदों पर हमले किए गए हैं। इससे पहले वे एक विशाल शरणार्थी शिविर पर भी कब्जा कर चुके हैं, जहां सैकड़ों लोग मारे गए थे।