पिछले महीने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच लंदन में हुई बैठक के दौरान समझौता हुआ था।
By: Sandeep malviya
Aug 07, 202519 hours ago
लंदन। पिछले महीने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच लंदन में हुई बैठक के दौरान समझौता हुआ था। इसके तहत ब्रिटेन में छोटी नावों से आने वाले कुछ प्रवासियों को फ्रांस वापस भेजने पर सहमति बनी थी। समझौता लागू होने के बाद ब्रिटेन में पहली बार प्रवासियों को हिरासत में लिया गया।
फ्रांस और ब्रिटेन हुए समझौते को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। ब्रिटेन के सीमा अधिकारियों ने छोटी नावों से इंग्लिश चैनल पार करके यूके में आए फ्रांसीसी प्रवासियों के एक दल को हिरासत में लिया। इनको अब वापस फ्रांस भेजा जाएगा। पिछले महीने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच समझौता हुआ था कि ब्रिटेन में आने वाले प्रवासियों को फ्रांस वापस भेजा जाएगा।
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने बताया कि प्रवासियों को बुधवार को समझौता लागू होने के बाद हिरासत में लिया गया। अब उन्हें फ्रांस वापस भेजे जाने तक आव्रजन निष्कासन केंद्रों में रखा जाएगा। गृह सचिव यवेट कूपर ने कहा कि इससे ऐसे सभी प्रवासियों को तक मेसेज जाएगा जो ब्रिटेन जाने के लिए संगठित अपराध गिरोहों को पैसे देने के बारे में सोच रहे हैं। अब उनको पता लग जाएगा कि अगर वे छोटी नाव में सवार होते हैं तो वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे होंगे और अपना पैसा बर्बाद कर रहे होंगे।
लंदन में बैठक के दौरान हुआ था समझौता
पिछले महीने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच लंदन में हुई बैठक के दौरान समझौता हुआ था। स्टार्मर का मानना है कि यह कदम उन लोगों को हतोत्साहित करेगा जो खतरनाक तरीके से इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन आते हैं। समझौते के तहत ब्रिटेन और फ्रांस ने एक पायलट योजना पर सहमत हुए। इसके तहत ब्रिटेन में छोटी नावों से आने वाले कुछ प्रवासियों को फ्रांस वापस भेजा जाएगा। यह योजना हर हफ्ते 50 प्रवासियों पर लागू होगी। इसके बदले ब्रिटेन उतने ही लोगों को स्वीकार करेगा जिनके शरण दावे वैध माने जाएंगे।
समझौता बड़ी सफलता: ब्रिटेन
ब्रिटेन के अधिकारियों का कहना है कि यह समझौता एक बड़ी सफलता है, क्योंकि इससे एक मिसाल कायम होगी कि जो प्रवासी अवैध रूप से ब्रिटेन पहुंच जाते हैं, उन्हें फ्रांस वापस भेजा जा सकेगा। वहीं ब्रिटिश सरकार को अपने बॉर्डर कंट्रोल को लेकर आलोचना झेलनी पड़ रही है। आलोचकों का कहना है कि यह समझौता प्रवासियों को रोकने में कोई खास मदद नहीं करेगा, क्योंकि फ्रांस लौटने वाले प्रवासियों की संख्या बहुत कम है। समझौते में खामियों के कारण ब्रिटेन में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले कई लोग मानवाधिकारों के लिए दावा करते हुए देश में ही बने रहेंगे।