आयकर विभाग ने भोपाल, इंदौर और मुंबई सहित कई शहरों में एक साथ कार्रवाई करते हुए तीस से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई भोपाल के एमपी नगर स्थित साइंस हाउस और इंदौर में उससे जुड़े सहयोगी संस्थानों पर हो रही है। छापे के दौरान टैक्स चोरी से जुड़े भारी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी विभागीय टीम जांच कर रही है।
By: Arvind Mishra
Sep 02, 20252 hours ago
आयकर विभाग ने भोपाल, इंदौर और मुंबई सहित कई शहरों में एक साथ कार्रवाई करते हुए तीस से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई भोपाल के एमपी नगर स्थित साइंस हाउस और इंदौर में उससे जुड़े सहयोगी संस्थानों पर हो रही है। छापे के दौरान टैक्स चोरी से जुड़े भारी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी विभागीय टीम जांच कर रही है। साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड के संचालक जितेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों से पूछताछ भी की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का खुलासा होगा। दरअसल, राजधानी में मंगलवार सुबह आयकर विभाग ने कई जगहों पर छापामारी की। विभाग की टीम ने गौतम नगर स्थित साइंस हाउस ग्रुप के दफ्तर सहित कई ठिकानों पर तलाशी ली। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे। विभाग की गाड़ियां सुबह-सुबह साइंस हाउस ग्रुप की बिल्डिंग पहुंचीं और वहां दस्तावेजों की जांच शुरू की गई। इसी दौरान एक अन्य टीम लालघाटी के पंचवटी पार्क क्षेत्र में मेडिकल सर्जिकल उपकरणों के व्यापारी राजेश गुप्ता के निवास पर भी दबिश दी। राजेश गुप्ता लिनन का बड़ा कारोबार है। यह सरकारी विभागों में पॉवरलूम के माध्यम से बड़ी सप्लाई करते है।
भोपाल, इंदौर और मुंबई समेत देशभर में कई स्थानों पर छापे मारे गए हैं। अधिकारियों की टीम ने साइंस हाउस ग्रुप से जुड़े संचालक जितेंद्र तिवारी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर रोहित गुप्ता, कंसल्टेंट दिनेश बारोलिया और शिखा राजोरिया से भी पूछताछ की है। साइंस हाउस ग्रुप के संचालकों के एक पूर्व आईएएस से संबंधों की भी चर्चा रही हैं।
गौरतलब है कि साइंस हाउस मेडिकल प्राइवेट लिमिटेड का मुख्यालय भोपाल के गौतम नगर स्थित मकान नंबर सी-25 में वर्ष 1994 से संचालित हो रहा है। कंपनी मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के साथ पैथोलॉजी लैब, निजी अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेवाएं भी उपलब्ध कराती है।
अनूपपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी खरीद-फरोख्त में साइंस हाउस और अनु सेल्स का बड़ा घोटाला सामने आया था। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि स्वास्थ्य उपकरणों और दवाओं की आपूर्ति अत्यधिक कीमतों पर की गई थी। इस मामले में करोड़ों रुपए के हेरफेर की पुष्टि हुई है। ईओडब्ल्यू ने कंपनी के निदेशकों जितेंद्र तिवारी और शैलेंद्र तिवारी को गिरफ्तार किया था।