लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की आज 150 वीं जयंती है। इस खास दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकता की शपथ दिलाई। लौह पुरुष सरदार पटेल की जयंती पर पीएम मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि भारत सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
By: Arvind Mishra
Oct 31, 20259:54 AM

नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। गुजरात के नर्मदा जिले में एकता नगर के पास सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्थल पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रीय एकता दिवस परेड की सलामी ली। परेड में शामिल सभी टुकड़ियों का नेतृत्व महिला अफसरों ने किया। परेड में सीमा सुरक्षा बल समेत 16 टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। परेड में आॅपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के 16 पदक विजेता और सीआरपीएफ के 5 शौर्य चक्र विजेता भी शामिल हुए। परेड का नेतृत्व हेराल्डिंग टीम के 100 सदस्यों ने किया, जबकि 9 बैंड टुकड़ियां और चार स्कूल बैंड ने परेड में परफॉर्म किया। पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल का मानना था कि हमें इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, बल्कि इतिहास रचने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। सरदार पटेल ने जो फैसले लिए, उन्होंने इतिहास रच दिया।

पीएम ने कहा- लौह पुरुष ने आजादी के बाद 550 से ज्यादा रियासतों को एक करने के असंभव से लगने वाले काम को संभव बनाया। एक भारत, एक श्रेष्ठ भारत का विचार उनके लिए सर्वोपरि था। सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर इस एकता नगर में आज करोड़ों लोगों ने एकता की शपथ ली है। हमने संकल्प लिया है कि हम राष्ट्र की एकता को मजबूत करने वाले कार्यों को बढ़ावा देंगे। हर नागरिक को ऐसे हर विचार या कार्य का त्याग करना चाहिए, जो हमारे राष्ट्र की एकता को कमजोर करता हो। यह हमारे देश के लिए समय की मांग है।
ये सरदार पटेल का भारत है, जो अपनी सुरक्षा और सम्मान से कभी समझौता नहीं करता। पूरी दुनिया जानती है कि आज अगर कोई भारत की तरफ आंख उठाकर देखता है, तो भारत पहले से ज्यादा मजबूती से जवाब देता है। आज, हमारे देश की एकता और आंतरिक सुरक्षा घुसपैठियों के कारण गंभीर खतरे का सामना कर रही है। दशकों से, विदेशी घुसपैठिए हमारे देश में घुस रहे हैं, इसके संसाधनों का दोहन कर रहे हैं और इसके जनसांख्यिकीय संतुलन को बिगाड़ रहे हैं।
पीएम ने कहा- दुर्भाग्य से, पिछली सरकारों ने इस गंभीर समस्या की अनदेखी की और इस समस्या से आंखें मूंद ली। पुरानी सरकारें वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालती रही। पहली बार, देश ने इस चुनौती का सीधा सामना करने और अपनी अखंडता की रक्षा के लिए एक मजबूत और निर्णायक रुख अपनाया है। मैंने लाल किले से जनसांख्यिकी मिशन की घोषणा की। लेकिन आज, जब हम इस मुद्दे को गंभीरता से उठा रहे हैं, तो कुछ लोग अपने स्वार्थ को राष्ट्रीय हित से ऊपर रख रहे हैं। ये लोग घुसपैठियों के अधिकारों की रक्षा के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा- कांग्रेस ने कभी सरदार पटेल की नीतियों का पालन नहीं किया। इसलिए देश को हिंसा और रक्तपात के रूप में इसका परिणाम भुगतना पड़ा। पटेल चाहते थे कि जैसे उन्होंने अन्य रियासतों को एक किया था, वैसे ही पूरा कश्मीर भी एक हो। लेकिन नेहरू ने उनकी यह इच्छा पूरी होने से रोक दी। कश्मीर को अलग संविधान और अलग झंडे के साथ विभाजित कर दिया गया। कांग्रेस की गलती की आग में कश्मीर दशकों तक जलता रहा। कांग्रेस की खराब नीतियों के कारण कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया।
मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को बढ़ावा दिया। कश्मीर और देश को इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। कांग्रेस हमेशा आतंकवाद के आगे झुकी रही। कांग्रेस सरदार को भूल गई, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। यह लौह पुरुष सरदार का भारत है। हमने वैचारिक लड़ाई भी जीती, और नक्सलियों के घर में जाकर उनसे मुकाबला भी किया। उसका परिणाम आज देश के सामने है। 2014 के पहले देश के करीब सवा सौ जिले माओवादी आतंक की चपेट में थे। आज ये संख्या 11 बची है। उसमें भी 3 जिलों में ही नक्सलवाद गंभीर रूप से हावी है। आज इस धरती से पूरे देश को भरोसा दिलाता हूं कि जब तक देश नक्सलवाद, माओवाद और आतंकवाद से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, हम रुकने वाले नहीं हैं। चैन से बैठने वाले नहीं हैं।