दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 10वां टेस्ट बुधवार को किया गया, जो कामयाब रहा। रॉकेट को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया। इस मिशन में स्टारलिंक सिम्युलेटर सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने से लेकर इंजन चालू करने जैसे सभी आब्जेक्टिव पूरे हुए।
By: Arvind Mishra
Aug 27, 20253 hours ago
टेक्सास। स्टार समाचार वेब
अमेरिकी अरबपति एलन मस्क की प्राइवेट स्पेस कंपनी स्पेसएक्स ने एक और इतिहास रच दिया। दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 10वां टेस्ट बुधवार को किया गया, जो कामयाब रहा। रॉकेट को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया। ये टेस्ट 1 घंटे 6 मिनट का था। इस मिशन में स्टारलिंक सिम्युलेटर सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने से लेकर इंजन चालू करने जैसे सभी आब्जेक्टिव पूरे हुए। स्टारलिंक सिम्युलेटर सैटेलाइट असली स्टारलिंक सैटेलाइट्स के डमी हैं। इनका इस्तेमाल स्टारशिप की सैटेलाइट डिप्लॉयमेंट क्षमता को परखने के लिए किया जाता है। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। ऊपरी हिस्सा और निचला हिस्सा को कलेक्टिवली स्टारशिप कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 403 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है।
स्टारशिप के ऊपरी हिस्से की इंडियन ओशन कंट्रोल्ड वॉटर-लैंडिंग कराई गई। वहीं सुपर हेवी बूस्टर को लॉन्च साइट पर वापस नहीं लाया गया। इसकी अमेरिका की खाड़ी में वॉटर लैंडिंग कराई गई। ऐसा जरूरी डेटा जुटाने के लिए किया गया।
इससे पहले ये टेस्ट 29 जून को होना था, लेकिन स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान स्टारशिप में ब्लास्ट हो गया था। इस टेस्ट में रॉकेट को जमीन पर रखकर उसके इंजन को चालू किया जाता है, ताकि लॉन्च से पहले सब कुछ ठीक हो, ये चेक किया जा सके। टेस्ट के दौरान रॉकेट के ऊपरी हिस्से में अचानक विस्फोट शुरू हुआ। देखते ही देखते पूरा रॉकेट आग के गोले में बदल गया था।
स्टारशिप और सुपर हैवी बूस्टर का संयोजन 400 फीट से अधिक ऊंचा और स्टेनलेस स्टील से बना है। इसे फिर से उपयोग में लेने के लिए डिजाइन किया है। यह परीक्षण इंजीनियरिंग की दृष्टि से एक सफलता है, लेकिन यह आसानी से नहीं मिली। जून में एक स्टारशिप उड़ान-पूर्व इंजन परीक्षण के दौरान लॉन्च पैड पर फट गया। बता दें कि नासा की 2027 में चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजने के लिए स्टारशिप का उपयोग करने की योजना है।