हाल ही में अमेरिका में हुई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दो दवाएं इंसुलिन नेजल स्प्रे और एम्पाग्लिफ्लोजिन दिमाग की सेहत यानी ब्रेन हेल्थ को बेहतर करने में मददगार साबित हो सकती हैं।
By: Manohar pal
Oct 26, 20255:50 PM
हाल ही में अमेरिका में हुई एक रिसर्च में दावा किया गया है कि डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दो दवाएं इंसुलिन नेजल स्प्रे और एम्पाग्लिफ्लोजिन (Empagliflozin) दिमाग की सेहत यानी ब्रेन हेल्थ को बेहतर करने में मददगार साबित हो सकती हैं। यह अध्ययन वेक फॉरेस्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (Wake Forest University School of Medicine, USA) के वैज्ञानिकों ने किया है। रिसर्च में सामने आया है कि ये दोनों दवाएं अल्जाइमर्स (Alzheimer’s) और डिमेंशिया (Dementia) जैसी गंभीर मस्तिष्क बीमारियों के असर को कम करने में कारगर हो सकती हैं।
क्या है रिसर्च की मुख्य बात
इस रिसर्च में 55 से 85 साल की उम्र के 47 लोगों पर क्लिनिकल ट्रायल किया गया। सभी प्रतिभागियों में अल्जाइमर्स के शुरुआती या मीडियम स्टेज के लक्षण मौजूद थे। रिसर्च के नतीजों से पता चला कि इंसुलिन नेजल स्प्रे और एम्पाग्लिफ्लोजिन दोनों का असर प्रतिभागियों के मस्तिष्क पर सकारात्मक (Positive) रहा। जिन लोगों ने ये दवाएं लीं, उनमें याददाश्त, ब्लड फ्लो और ब्रेन फंक्शन में सुधार देखा गया।
एम्पाग्लिफ्लोजिन (Empagliflozin) का असर
एम्पाग्लिफ्लोजिन एक ऐसी दवा है जो आम तौर पर टाइप-2 डायबिटीज के इलाज में दी जाती है। लेकिन इस रिसर्च में पाया गया कि इस दवा ने कई मरीजों के दिमाग में ब्रेन इंजरी (Brain Injury) के निशान कम किए और ब्लड सर्कुलेशन (रक्त प्रवाह) को बढ़ाया। इसके अलावा, यह भी देखा गया कि इस दवा से सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (Cerebrospinal Fluid) में मौजूद टाउ प्रोटीन (Tau Protein) का स्तर कम हो गया। टाउ प्रोटीन का बढ़ना अल्जाइमर्स जैसी बीमारी का प्रमुख कारण माना जाता है। यानि कि एम्पाग्लिफ्लोजिन अल्जाइमर्स के खतरे को कम करने में एक नई उम्मीद साबित हो सकती है।
इंसुलिन नेजल स्प्रे के फायदे
इंसुलिन नेजल स्प्रे यानी नाक से दी जाने वाली इंसुलिन ने भी ब्रेन हेल्थ पर पॉजिटिव असर दिखाया। रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों में इस दवा के उपयोग के बाद मेमोरी स्कोर (Memory Score) बेहतर हुए। साथ ही, उनके दिमाग में ब्लड फ्लो में सुधार देखा गया। इससे न्यूरोवैस्कुलर हेल्थ (Neurovascular Health) और इम्यून फंक्शन (Immune Function) दोनों बेहतर हुए। सीधे शब्दों में कहें तो यह स्प्रे दिमाग की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने में मददगार साबित हुई।
कैसे मदद कर सकती हैं ये दवाएं
वैज्ञानिकों का कहना है कि डायबिटीज और अल्जाइमर्स के बीच एक कॉमन लिंक है दोनों ही स्थितियां शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म से जुड़ी होती हैं। इसी कारण, डायबिटीज की दवाएं मस्तिष्क में भी मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करके ब्रेन फंक्शन को मजबूत बना सकती हैं। इस रिसर्च ने यह संभावना जताई है कि भविष्य में डायबिटीज की कुछ दवाएं अल्जाइमर्स या अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल की जा सकती हैं।
स्टडी की सीमाएं और आगे की दिशा
हालांकि यह अध्ययन अभी छोटे स्तर पर किया गया है और इसमें सिर्फ 47 प्रतिभागी शामिल थे। रिसर्चर्स का कहना है कि अभी इस दिशा में बड़े और लंबी अवधि वाले ट्रायल्स की जरूरत है, ताकि यह पूरी तरह साबित किया जा सके कि ये दवाएं अल्जाइमर्स या डिमेंशिया के इलाज में सुरक्षित और असरदार हैं।
फिर भी, शुरुआती नतीजे उत्साहजनक हैं और यह अध्ययन ब्रेन हेल्थ को लेकर एक नई उम्मीद लेकर आया है। इस रिसर्च से यह साफ हुआ है कि इंसुलिन नेजल स्प्रे और एम्पाग्लिफ्लोजिन जैसी डायबिटीज की दवाएं सिर्फ शुगर कंट्रोल के लिए ही नहीं, बल्कि ब्रेन हेल्थ सुधारने में भी मदद कर सकती हैं। यदि भविष्य में बड़े ट्रायल्स में भी यही परिणाम मिले, तो यह अल्जाइमर्स और डिमेंशिया जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में एक बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि साबित हो सकती है।