अमेरिका ने भारत समेत कई अन्य देशों पर लगने वाला टैरिफ एक हफ्ते के लिए टाल दिया है। पहले ये टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन अब यह 7 अगस्त से लागू होगा। व्हाइट हाउस ने उन देशों की सूची जारी की, जिन पर अमेरिकी सरकार ने टैरिफ लगाया है या फिर संशोधित किया है।
By: Arvind Mishra
Aug 01, 20259:43 AM
अमेरिका ने भारत समेत कई अन्य देशों पर लगने वाला टैरिफ एक हफ्ते के लिए टाल दिया है। पहले ये टैरिफ 1 अगस्त से लागू होना था, लेकिन अब यह 7 अगस्त से लागू होगा। व्हाइट हाउस ने उन देशों की सूची जारी की, जिन पर अमेरिकी सरकार ने टैरिफ लगाया है या फिर संशोधित किया है। पारस्परिक टैरिफ दरों में और संशोधन शीर्षक वाले एक कार्यकारी आदेश में, ट्रंप ने दुनिया भर के लगभग 70 देशों के लिए टैरिफ दरों की घोषणा की। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर बुधवार को 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो 1 अगस्त यानी आज से प्रभावी होने वाला था, लेकिन अब इसे एक सप्ताह के लिए टाल दिया गया है। अमेरिका की ओर से जारी किए गए नए निर्देश में अब ये टैरिफ 7 दिन बाद भारत समेत बांग्लादेश, ब्राजील और अन्य देशों पर लगाया जाएगा, जो 7 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने अचानक से भारत समेत कई देशों पर टैरिफ का ऐलान करते हुए दुनिया में फिर से हलचल मचा दी थी। भारत पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा था कि व्यापार बाधा को दूर करने के लिए ये टैरिफ लगाया जा रहा है। इसके अलावा, जुर्मामे का भी ऐलान किया गया था, जो रूस से तेल और डिफेंस प्रोडक्ट्स खरीदने के कारण है। हालांकि अभी अमेरिका ने नए आदेश के तहत सभी देशों पर लगने वाले टैरिफ को 1 सप्ताह के लिए टाल दिया है यानी अब टैरिफ लगने की नई डेडलाइन 7 अगस्त हो चुकी है।
इधर, भारत ने बिना कोई जवाबी कार्रवाई के सीधे शब्दों में कहा कि देशहित में हर संभव कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक सरकारी अधिकारी ने कहा था कि भारत नेगोशिएशन टेबल पर अमेरिका के टैरिफ का जवाब देगा। लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि बात 10 से 15 फीसदी टैरिफ को लेकर हुई है। उन्होंने कहा था कि टैरिफ को लेकर देशहित में हर संभव कार्रवाई की जाएगी।
भारत पर अतिरिक्त दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने टैरिफ लगा रहा है। वह चाहता है कि जल्द से जल्द भारत अपने एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर से समझौता करके डील कर ले, लेकिन भारत इसपर राजी नहीं है। भारत का कहना है कि किसी भी सूरत में वह अपने कृषि और डेयरी सेक्टर को अमेरिका के लिए नहीं खोल सकता। अमेरिका भारत से अपने कृषि और डेयरी उत्पादों, खासकर और जेनेटिकली मोडिफाइड फसलों के लिए बाजार खोलने और इन पर टैरिफ कम की डिमांड कर रहा है, जिस कारण अभी व्यापार डील नहीं हो पा रही है। अमेरिका इसमें 100 फीसदी टैरिफ से छूट चाहता है।
भारत में दूध को धार्मिक और सांस्कृतिक तौर पर पवित्र माना जाता है और मांसाहारी चारा खाने वाले मवेशियों से मिले दूध को अनुमति देना भारत के लिए स्वीकार्य नहीं है। भारत चाहता है कि दोनों देशों के बीच एक संतुलित सौदा हो, जो 140 करोड़ लोगों, खासकर 70 करोड़ किसानों के हितों की रक्षा हो। खाद्य सुरक्षा, किसानों के हित, और रणनीतिक स्वायत्तता को प्रमुखता पर रखना चाहता है। साथ ही अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच की उम्मीद कर रहा है।