अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस का नियंत्रण अमेरिका को वापस नहीं देता है, तो गंभीर परिणाम होंगे। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा-अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस उन लोगों को नहीं देता जिन्होंने इसे बनाया, यानी अमेरिका को तो बुरी चीजें होंगी।
By: Arvind Mishra
नई दिल्ली। स्टार समाचार वेब
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस का नियंत्रण अमेरिका को वापस नहीं देता है, तो गंभीर परिणाम होंगे। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा-अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस उन लोगों को नहीं देता जिन्होंने इसे बनाया, यानी अमेरिका को तो बुरी चीजें होंगी। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इस एयरबेस को चीन पर नजर रखने के लिए दोबारा नियंत्रण में लेना चाहता है। वहीं तालिबान ने साफ किया कि अमेरिका को किसी भी सैन्य वापसी की मंजूरी नहीं दी जाएगी। दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर अमेरिकी कंट्रोल की बात कही है। ट्रंप लगातार इस बारे में चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट के जरिए खुली धमकी दी है कि अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके निर्माता यानी संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस नहीं करता, तो इसके नतीजे बहुत बुरे होंगे।
ट्रंप ने कहा कि हम फिलहाल अफगानिस्तान से बात कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि बगराम एयरबेस जल्द हमारे नियंत्रण में हो। अगर अफगानिस्तान ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको पता चल जाएगा कि मैं क्या करने वाला हूं। इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका काबुल के पास बने एक बड़े अफगान एयरबेस को फिर से अपने कब्जे में लेने की योजना बना रहा है ताकि चीन पर नजर रखी जा सके।
हालांकि अफगानिस्तान की हुकूमत चला रहे तालिबान ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। तालिबान ने साफ कहा है कि अफगानिस्तान में अमेरिका को किसी भी तरह की सैन्य वापसी को मंजूरी नहीं दी जाएगी। बगराम एयरबेस को अमेरिका को देने का सवाल ही नहीं उठता।
वहीं, तालिबानी विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने एक्स पोस्ट में लिखा कि अफगानिस्तान और अमेरिका को आपस में बातचीत करनी चाहिए। आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर दोनों आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते बना सकते हैं, लेकिन अमेरिका को सैन्य वापसी को मंजूरी नहीं दी जाएगी।
बगराम एयरबेस करीब दो दशक तक नाटो फोर्सेस का बड़ा केंद्र रहा है, ये बेस अफगान सेना को तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा करने से कुछ समय पहले ही सौंप दिया गया था। इसे लेकर ट्रंप ने गुरुवार को ब्रिटेन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अमेरिका ने बगराम एयरबेस उन्हें फ्री में दे दिया।
ट्रंप ने दावा किया है कि बगराम एयरबेस चीन के परमाणु हथियार बनाने वाली जगह से सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है। इतना ही नहीं, ट्रंप पहले कह चुके हैं कि वे चाहते हैं अमेरिका पनामा नहर से लेकर ग्रीनलैंड तक कई जगहों पर कब्जा करे, लिहाजा वह लंबे समय से बगराम पर फोकस कर रहे हैं। उन्होंने 18 सितंबर को इशारा किया कि अमेरिका इस एयरबेस को अपने नियंत्रण में ले सकता है, लेकिन यह समझौता किस तरह का होगा, यह साफ नहीं है। अगर समझौता होता है तो ये तालिबान के लिए बड़ा बदलाव वाला फैसला होगा, क्योंकि वही तालिबान अमेरिकी सैनिकों को बाहर निकालने और अमेरिका समर्थित सरकार से देश वापस लेने के लिए लड़ा था।