अमेरिका की तरफ से ईरान पर किए गए हमले के बाद रूस, चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम का मसौदा प्रस्ताव पेश किया है।
By: Sandeep malviya
Jun 22, 202515 hours ago
न्यूयॉर्क। अमेरिका की तरफ से ईरान पर किए गए हमले के बाद रूस, चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम का मसौदा प्रस्ताव पेश किया है। वहीं तनाव पर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह अमेरिकी हमलों से चिंतित हैं। अब इस बात का खतरा बढ़ रहा है कि इस्राइल-ईरान संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है।
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच, रूस, चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम का मसौदा प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य क्षेत्र में शांति स्थापित करना और किसी भी तरह की सैन्य कार्रवाई को रोकना है। इस प्रस्ताव में तीनों देशों ने मांग की है कि सभी पक्ष तुरंत युद्ध बंद करें और बातचीत के माध्यम से विवाद का हल निकालें। यह कदम अमेरिका की तरफ से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद आया है, जिसने पूरे क्षेत्र में हालात को और तनावपूर्ण बना दिया है।
अमेरिका ने चीन से ईरान को समझाने की अपील की
इस बीच, अमेरिका ने चीन से अपील की है कि वह ईरान को समझाए कि वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद न करे। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रविवार को बयान देते हुए कहा कि अगर ईरान यह जलमार्ग बंद करता है, तो इससे पूरी दुनिया की तेल आपूर्ति और व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। मार्को रुबियो ने कहा कि, 'चीन की ईरान के साथ करीबी बातचीत है, और हम उम्मीद करते हैं कि वह इस स्थिति को शांत करने में मदद करेगा।' अमेरिका की यह अपील ऐसे समय आई है जब क्षेत्र में टकराव का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
क्या है होर्मुज जलडमरूमध्य?
यह जलमार्ग फारस की खाड़ी और अरब सागर के बीच मौजूद है। दुनिया का लगभग 30% तेल यहीं से होकर गुजरता है। अगर यह बंद होता है, तो वैश्विक तेल कीमतों और सप्लाई पर बड़ा असर पड़ सकता है। वहीं इस्राइल से तनाव और अमेरिकी हमले के बीच ईरान की तरफ से लगातार इसे बंद करने की धमकी से वैश्विक ऊर्जा संकट का खतरा गहराया है।
रूस ने अमेरिकी हमले की कड़ी निंदा की
रूस ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर अमेरिका की तरफ से किए गए हमलों की कड़ी निंदा की है। इन हमलों को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन है। रूसी विदेश मंत्रालय ने आगे बयान में कहा कि किसी भी तर्क के आधार पर एक संप्रभु देश की जमीन पर मिसाइल और बमबारी करना पूरी तरह अस्वीकार्य है। खासकर तब, जब ये हमला उस देश ने किया हो जो खुद यूएन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।