खांसी की दवा कोडीन सिरप सेहत के लिए खतरनाक है। ऐसी ही एक और दवा कोल्ड्रिफ ने देश में कई बच्चों की जान ले ली है। बावजूद इसके ऐसी दवाइयां बाजार में बेखौफ बेची जा रही हैं। इनका इस्तेमाल नशे के लिए हो रहा है।
By: Arvind Mishra
Nov 22, 202512:54 PM
जौनपुर। स्टार समाचार वेब
खांसी की दवा कोडीन सिरप सेहत के लिए खतरनाक है। ऐसी ही एक और दवा कोल्ड्रिफ ने देश में कई बच्चों की जान ले ली है। बावजूद इसके ऐसी दवाइयां बाजार में बेखौफ बेची जा रही हैं। इनका इस्तेमाल नशे के लिए हो रहा है। उत्तर प्रदेश इस तस्करी का अड्डा बन गया है। यूपी में कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध तस्करी का नेटवर्क लगातार पैर पसार रहा है। अब जौनपुर में भी शुभम जायसवाल सिंडिकेट का नाम सामने आया है। वाराणसी, सोनभद्र और गाजियाबाद में कार्रवाई के बाद, जौनपुर खाद्य-औषधि विभाग ने जिले में भारी मात्रा में कोडीन मिश्रित कफ सिरप बरामद कर हढ़कंप मचा दिया है। खाद्य-विभाग की टीम ने जौनपुर में छापा मारकर 1,89,000 कोडीन मिश्रित कफ सिरप की बोतलें बरामद की हैं, जिनकी कीमत 42 करोड़ रुपए बताई जा रही है। यह अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी है। अधिकारियों का कहना है कि इस अवैध कारोबार की जड़ें उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, नेपाल और यहां तक कि बांग्लादेश तक फैली हुई हैं।
शैली इंटरप्राइजेज के जरिए सप्लाई
जौनपुर में संचालित 12 फार्मों को झारखंड की राजधानी रांची से संचालित हो रही शैली इंटरप्राइजेज के जरिए करोड़ों रुपए की कोडीन सिरप सप्लाई की जा रही थी। शैली इंटरप्राइजेज शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद के नाम पर रजिस्टर्ड है। जांच में सामने आया है कि इसी फर्म के माध्यम से अवैध कोडीन सिरप की तस्करी का पूरा नेटवर्क जमा हुआ था।
12 फर्मों पर एफआईआर
जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि जौनपुर की 12 दवा कंपनियों ने शैली इंटरप्राइजेज से लाखों बोतलें खरीदीं, जिसके बदले उन्हें नकद भुगतान किया गया था। ड्रग इंस्पेक्टर की तहरीर पर जौनपुर कोतवाली में शैली इंटरप्राइजेज समेत 12 फर्मों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
शुभम निकला मास्टरमाइंड

दावा किया जा रहा है कि शुभम जायसवाल इस पूरे अवैध नेटवर्क का मास्टरमाइंड है। जिसका सिंडिकेट कोडीन कफ सिरप की सप्लाई को नशे के बाजार में करोड़ों रुपए कमाने के लिए उपयोग करता था। जांच एजेंसियां अब फाइनेंशियल ट्रेल और बैंक खातों की जांच में जुटी हुई हैं, ताकि नेटवर्क से जुड़े बाकी लोगों की भी पहचान की जा सके।