आगामी 9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति पद का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। एक तरफ एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं विपक्षी गुट इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के पूर्व जज बी. सुरदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा कर दी।
By: Arvind Mishra
Aug 19, 20252:54 PM
आगामी 9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति पद का चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है। एक तरफ एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं विपक्षी गुट इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के पूर्व जज बी. सुरदर्शन रेड्डी के नाम की घोषणा कर दी। खास बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से नाता रखते हैं। वैसे, आंकड़ों में एनडीए गठबंधन के पास स्पष्ट रूप से बहुमत है। चूंकि, इस चुनाव में व्हिप प्रभावी नहीं होता है। ऐसे में कुछ सांसद क्रॉस वोटिंग करके इस चुनाव को रोमांचक बना सकते हैं। दरअसल, देश में उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना तय हो गया है। एनडीए के बाद इंडिया गठबंधन ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इंडिया ब्लॉक ने एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के मुकाबले में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उतारा है। ऐसे में अब 9 सितंबर को सीपी राधाकृष्णन बनाम बी. सुदर्शन रेड्डी मुकालबा तय हो गया है। इसके बाद सवाल है कि क्या एनडीए उम्मीदवार उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में एकतरफा जीत हासिल करेंगे या इंडिया गठबंधन से उन्हें चुनौती मिलेगी।
लोकसभा में सांसदों की कुल संख्या 543 है। इसमें से एक बशीरहाट की सीट खाली है। वहीं, राज्यसभा में कुल 245 सीट हैं। हालांकि, इनमें से 6 सीट खाली है। इस तरह दोनों सदनों में निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या 781 है। ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए किसी भी धड़े को 391 सांसदों की जरूरत होगी।
आंकड़ों के मुताबिक सरकार के समर्थन में इस समय 427 सांसद हैं। इनमें 293 लोकसभा और 134 राज्यसभा के हैं। विपक्ष धड़े इंडिया गठबंधन के पास 355 सांसदों का समर्थन है। इनमें से 249 लोकसभा और 106 राज्यसभा सांसद शामिल हैं। करीब 130 से अधिक सांसद किसी भी धड़े का हिस्सा नहीं हैं। ऐसे में इन सांसदों का वोट काफी अहम होगा।
बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके हैं। रेड्डी 2005 में गुवाहाटी हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनने से पहले 1995 में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में जज थे। 2007 से 2011 तक वे सुप्रीम कोर्ट के जज रहे। इसके बाद वह रिटायर्ड हुए। रेड्डी ने 2013 में गोवा के पहले लोकायुक्त या भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल के रूप में भी कार्य किया।
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले राधाकृष्णन तमिलनाडु के एक वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा सदस्य भी रहे हैं। वे गौंडर जाति से ताल्लुक रखते हैं, जो तमिलनाडु में प्रभावशाली ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय है। राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था। जुलाई 2024 में महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी गई थी।