सतना और मैहर जिले में आवारा कुत्तों, बंदरों और बिल्लियों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं। जून में 1454 लोग जानवरों का शिकार बने और एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना पड़ा। जिला अस्पताल में हर माह औसतन 2000 से अधिक एआरवी डोज लगाई जा रही है।
By: Star News
हाइलाइट्स:
सतना, स्टार समाचार वेब
अमूमन कुत्ते को वफादार व मानव मित्र माना जाता है जो हर परिस्थिति में इंसानों की सुरक्षा रता है लेकिन अब शहर के कुत्ते खूंखार होते जा रहे हैं, जिससे शहर वासियों के बीच आवारा कुत्तों व बंदरों का कहर बढ़ता ही जा रहा है। आए दिन जिला अस्पताल के साथ जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में 5 से 10 डॉग बाईट के केस सामने आ आ रहे हैं। जून माह में 1454 लोगों को जानवरों ने अपना शिकार बनाया जिन्हे एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाना पड़ा। अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक सतना व मैहर जिले में एक माह में 1301 लोगों को कुत्तों ने अपना शिकार बनाया। इसके अलावा 86 लोगों को बन्दर ने नोचा वहीं 60 लोगों को बिल्ली ने काटा जबकि 7 लोगों को अन्य जानवरों ने काटा।
मंकी- कैट बाइट के केस अमरपाटन में सबसे ज्यादा
मंकी बाइट के मामले पर गौर करें तो जिला अस्पताल में 7, अमरपाटन में 40, रामपुर बाघेलान में 2, कोठी में 6, उचेहरा में 3, मझगवां में 13, नागौद में 8 और मैहर में 7 केस दर्ज किए गए। इसी प्रकार जिला अस्पताल में 6 मामले बिल्ली के काटने के सामने आए हैं, जबकि अमरपाटन में 19, रामपुर बघेलान में 6, कोठी में 2, उचेहरा में 2, मझगवां में 4, नागौद में 7, मैहर में 14 मामले कैट बाइट दर्ज किए गए।
बढ़ी एंटी रेबीज वैक्सीन की मांग
शहर और आसपास के इलाकों में आवारा पशुओं के काटने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसके चलते जिला अस्पताल में हर महीने बड़ी संख्या में मरीज एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगवाने पहुंच रहे हैं। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. प्रदीप गौतम ने बताया कि डॉग बाइट या कोई भी जानवर काट देने के बाद एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए मरीजों को समय पर चारों डोज लगे। जिला अस्पताल की इंजेक्शन प्रभारी भारती पांडेय ने बताया कि जिला अस्पताल में बिगत 6 माह में 14 हजार से अधिक लोगों को एंटी रेबीज इंजेक्शन के चीरों डोज लगाए गए। हर महीने औसतन दो हजार से अधिक एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं।
इंजेक्शन न लगवाना हो सकता है जानलेवा
डा. गौतम के अनुसार किसी भी जानवर के काटने के बाद मरीजों को 28 दिनों के भीतर चार बार इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी जाती है। रेबीज एक घातक विषाणु जनित रोग है, जो मस्तिष्क में सूजन पैदा कर सकता है। प्रारंभिक लक्षणों में बुखार और झुनझुनी शामिल है। सही समय पर एआरवी न लगवाने पर यह जानलेवा हो सकता है।
सतना-मैहर जिले में जून माह में डॉग बाइट के केस
ये है एआरवी की स्थिति