भोपाल पुलिस ने नकली नोटों के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। गिरफ्तार आरोपी विवेक यादव ने छोटे दुकानदारों को निशाना बनाया और विदिशा-सीहोर तक $6$ लाख के नकली नोट खपाए। उसके पास से $2.25$ लाख के नकली नोट और $30$ लाख के नोट छापने का रॉ मटेरियल मिला है।
By: Ajay Tiwari
Nov 16, 20253:34 PM
हाइलाइट्स
भोपाल. स्टार समाचार वेब
भोपाल पुलिस ने नकली नोटों को बाजार में खपाने वाले एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। आरोपी को पिपलानी इलाके में दोबारा नकली नोट चलाते समय पहचान लिए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में आरोपी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसके बाद शनिवार को उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
पूछताछ में विवेक यादव ने बताया कि वह मुख्य रूप से शहर के आउटर इलाकों में स्थित छोटी किराना दुकानों, पान की गुमटियों और चाय-नाश्ते की होटलों को निशाना बनाता था। वह रायसेन रोड, 11 मील, बैरसिया रोड के ईंटखेड़ी, गुनगा, परवलिया सड़क, एयरपोर्ट रोड, गांधी नगर, पिपलानी और अवधपुरी जैसे कई इलाकों में नकली नोट चला चुका है। उसकी रणनीति थी कि वह एक दिन में केवल तीन से चार नकली नोट ही चलाता था ताकि किसी को शक न हो।
एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी के मुताबिक, आरोपी 20 से 50 रुपए का सामान खरीदकर 500 का नकली नोट देता था। इस तरह वह करीब 6 लाख रुपए के नकली नोट बाजार में खपा चुका है। शुरुआत में आरोपी ने नकली नोटों से अपनी जरूरत की चीजें जुटाईं, लेकिन बाद में वह अय्याशी करने लगा। वह शहर के बड़े होटलों में महंगा खाना खाता था और मॉल से कपड़ों की खरीददारी करता था। उसने अपने इस अवैध काम को अकेले ही अंजाम दिया, जिससे पकड़े जाने का खतरा कम रहे। नोट खपाने के लिए वह भोपाल के अलावा आसपास के जिलों विदिशा, सीहोर और रायसेन तक भी जाता था, जहां वह 4 से 5 हजार रुपए के नकली नोट लेकर निकलता था और आधे नोट खपाकर घर लौट आता था।
पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर उसके करोंद स्थित घर की तलाशी ली। इस दौरान $500$ रुपए के 428 नकली नोट बरामद किए गए, जिनकी कुल कीमत 2,25,500 रुपए है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस को उसके घर से 30 लाख रुपए से अधिक के नकली नोट छापने का रॉ मटेरियल भी मिला है। आरोपी विवेक यादव उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है और पिछले एक साल से यह काम कर रहा था। उसने अपने प्रिंटिंग के कारोबार को पूरी तरह से व्यवस्थित कर रखा था। पुलिस के अनुसार, वह हुबहू असली नोट जैसा कागज इस्तेमाल करता था और यहां तक कि नोटों पर वाटर मार्क भी लगाता था ताकि किसी को शक न हो। नकली नोटों में अधिक सफाई लाने के लिए उसने अच्छी खासी रकम जुटाकर महंगे उपकरण (कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर) खरीदे थे, जिन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है। वह यह सारा मटेरियल ऑनलाइन ऑर्डर करता था। पुलिस अब उसके ऑनलाइन कनेक्शनों की जानकारी जुटा रही है।