भोपाल एम्स में कैंसर की दवाओं की खरीद में अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. सांसद आलोक शर्मा की शिकायत पर दिल्ली से आई टीम ने जांच शुरू की है. आरोप है कि जेमसिटेबिन इंजेक्शन दिल्ली एम्स से कई गुना ज़्यादा दाम पर खरीदा गया, और दवा खरीद नियमों (GFR 2017) का उल्लंघन किया गया. अमृत फार्मेसी से सीधी खरीद और अन्य भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं.
By: Star News
Jun 21, 2025just now
भोपाल.स्टार समाचार वेब.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में कैंसर की दवाओं की खरीद में गड़बड़ियों का मामला सामने आया है. भोपाल के सांसद आलोक शर्मा माने तो उनकी शिकायत के बाद, दिल्ली से आई एक टीम ने एम्स भोपाल में जांच की है.
सांसद शर्मा ने बताया कि उन्हें "जनता दरबार" के दौरान इस गड़बड़ी के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने दावा किया कि भोपाल एम्स में कैंसर की दवा जेमसिटेबिन इंजेक्शन 2100 रुपये प्रति नग के हिसाब से खरीदी जा रही है, जबकि दिल्ली एम्स में यही दवा 285 रुपये प्रति नग पर खरीदी गई है.
मामले को सांसद शर्मा ने 15 मई को दिल्ली में हुई स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में उठाया था. इसके बाद कमेटी की अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जांच का आश्वासन दिया था. दिल्ली से आई जांच टीम ने भोपाल एम्स के निदेशक, उपनिदेशक प्रशासन और अध्यक्ष से लगभग चार घंटे तक पूछताछ की और खरीद प्रक्रिया से संबंधित जानकारी ली.
यह है आरोप...
इसके अलावा, एम्स प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के अन्य गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं, जिनमें क्रिटिकल केयर यूनिट, महंगे उपकरणों की खरीद, गेस्ट हाउस का निजी उपयोग और फैकल्टी पर मनमानी कार्रवाई शामिल हैं.हालांकि, एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह का कहना है कि ये सभी मामले पुराने हैं और इन पर पहले भी जांच हो चुकी है, जिसमें उन्हें "क्लीन चिट" मिल चुकी है.