7 सितंबर 2025 को भारत में दिखेगा साल का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण। जानें इस खग्रास ग्रहण का समय, सूतक काल, ब्लड मून का वैज्ञानिक कारण और इसे देखने की पूरी जानकारी।
By: Ajay Tiwari
Sep 07, 20255:41 PM
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स्टार समाचार वेब. धर्म डेस्क
7 सितंबर, 2025 को एक यादगार खगोलीय घटना होने वाली है। इस दिन पूरे भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse) देखा जा सकेगा। यह 2018 के बाद पहला मौका होगा जब देश के सभी हिस्सों में इस तरह का लंबा और स्पष्ट चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
यह ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा के दिन लगेगा। खगोलीय रूप से, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तो पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा को ढक लेती है। इस घटना को खग्रास चंद्र ग्रहण भी कहते हैं।
उपच्छाया स्पर्श: 7 सितंबर, रात 08:59 PM
प्रच्छाया स्पर्श: 7 सितंबर, रात 09:58 PM
पूर्ण चंद्र ग्रहण: रात 11:01 PM से 12:23 AM तक (कुल 82 मिनट)
आंशिक ग्रहण की समाप्ति: 8 सितंबर, रात 01:26 AM
ग्रहण की समाप्ति: 8 सितंबर, रात 02:25 AM
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल ग्रहण से पहले शुरू हो जाता है। इस बार सूतक काल 7 सितंबर को दोपहर 12:19 बजे से शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 01:26 बजे समाप्त होगा। हालांकि, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए सूतक काल शाम 6:36 बजे से प्रभावी माना जाएगा।
पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग लाल हो जाता है, जिसे ब्लड मून कहते हैं। यह कोई रहस्यमयी घटना नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरती है, तो नीले और हरे जैसे छोटी तरंगदैर्ध्य (wavelength) वाले रंग बिखर जाते हैं। लेकिन लाल रंग, जिसकी तरंगदैर्ध्य लंबी होती है, वह वायुमंडल से होते हुए चंद्रमा तक पहुँचता है। यही लाल रोशनी चंद्रमा की सतह को रोशन करती है, जिससे वह लाल दिखाई देता है।
वायुमंडल में प्रदूषण, धूल या ज्वालामुखी की राख की मात्रा के आधार पर ब्लड मून का रंग हल्का या गहरा लाल हो सकता है।
यह चंद्र ग्रहण भारत के साथ-साथ एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के अधिकांश हिस्सों में दिखाई देगा। भारत, चीन, बांग्लादेश, जापान और रूस जैसे देशों में यह खग्रास रूप में नज़र आएगा, जबकि पुर्तगाल और ब्राजील जैसे कुछ क्षेत्रों में यह आंशिक रूप से ही दिखेगा।
अच्छी बात यह है कि सूर्य ग्रहण के विपरीत, चंद्र ग्रहण को देखने के लिए किसी खास उपकरण की ज़रूरत नहीं होती। इसे आप नंगी आंखों, दूरबीन या टेलीस्कोप से सुरक्षित रूप से देख सकते हैं। भारतीय खगोलीय सोसाइटी के अनुसार, इस तरह के लंबे चंद्र ग्रहण को दोबारा देखने के लिए आपको 31 दिसंबर, 2028 तक का इंतज़ार करना होगा।

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