चीन ने एक बार फिर भारत को WTO में चुनौती दी है। जानें क्यों चीन भारत के ICT उत्पादों पर टैरिफ और सौर ऊर्जा सब्सिडी को अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ बता रहा है।
By: Ajay Tiwari
Dec 20, 20254:47 PM
बीजिंग। स्टार समाचार वेब
वैश्विक व्यापार मंच पर भारत और चीन के बीच तनाव एक बार फिर गहरा गया है। चीन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भारत के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज की है। इस बार ड्रैगन के निशाने पर भारत के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ और सौर (Solar) ऊर्जा क्षेत्र में दी जाने वाली सरकारी सब्सिडी है। चीन ने इन उपायों को व्यापार नियमों का उल्लंघन बताते हुए औपचारिक बातचीत का अनुरोध किया है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, भारत की वर्तमान नीतियां WTO के 'राष्ट्रीय व्यवहार' (National Treatment) सिद्धांतों के विपरीत हैं। चीन का दावा है कि भारत अपने घरेलू उद्योगों को ऐसी सब्सिडी प्रदान कर रहा है जो आयातित सामानों के साथ भेदभाव करती है। चीन का तर्क है कि इन कदमों से भारतीय उद्योगों को अनुचित लाभ मिल रहा है, जिससे चीनी निर्यातकों के आर्थिक हितों को भारी चोट पहुँच रही है।
यह इस साल का दूसरा मौका है जब चीन ने भारत को WTO के कटघरे में खड़ा किया है। इससे पहले अक्टूबर 2025 में, चीन ने भारत की इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और बैटरी निर्माण के लिए दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि (PLI Schemes) के खिलाफ याचिका दायर की थी। चीन लगातार यह तर्क दे रहा है कि भारत की ये नीतियां वैश्विक मुक्त व्यापार की भावना के खिलाफ हैं।
चीन का यह कदम उसकी व्यापक रणनीति का हिस्सा है। इससे पहले भी वह अमेरिका के इस्पात टैरिफ और यूरोपीय संघ के एंटी-डंपिंग शुल्कों के खिलाफ WTO का दरवाजा खटखटा चुका है। भारत के मामले में, चीन चाहता है कि भारत अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करे और व्यापार बाधाओं को दूर करे।