चुनाव आयोग ने बिहार की सफलता के बाद 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा की है। 28 अक्टूबर से 7 फरवरी 2026 तक चलेगा यह अभियान। जानें किन राज्यों में होगा SIR और क्यों है यह ज़रूरी।
By: Ajay Tiwari
Oct 27, 20255:32 PM
चुनाव आयोग का बड़ा कदम: बिहार के बाद 12 राज्यों में 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (SIR) का ऐलान
नई दिल्ली: स्टार समाचार वेब
केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) ने देश भर में मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण का अभियान तेज कर दिया है। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) के पहले चरण की सफलता के बाद, आयोग ने अब 12 और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में इस महत्वपूर्ण अभ्यास को लागू करने की घोषणा की है।
सोमवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में SIR का पहला चरण सफलतापूर्वक संपन्न हो चुका है। उन्होंने कहा कि बिहार के साढ़े सात करोड़ मतदाताओं ने इस प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें 90 हजार बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) और राजनीतिक दलों ने मिलकर मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने का काम किया। CEC ने पुष्टि की कि बिहार की मतदाता सूची अब पूरी तरह से साफ और शुद्ध है।
12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR का दूसरा चरण
CEC ज्ञानेश कुमार ने घोषणा की कि SIR का दूसरा चरण निम्नलिखित 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जाएगा:
अंडमान-निकोबार
छत्तीसगढ़
गोवा
गुजरात
केरल
लक्षद्वीप
मध्य प्रदेश
पुडुचेरी
राजस्थान
तमिलनाडु
उत्तर प्रदेश
पश्चिम बंगाल
उन्होंने बताया कि जिन राज्यों में यह विशेष अभियान चलाया जाएगा, वहाँ की मतदाता सूचियों को सोमवार की रात से फ्रीज कर दिया जाएगा। SIR का यह चरण 28 अक्टूबर से शुरू होकर अगले वर्ष 7 फरवरी तक चलेगा।
मतदाता सूची शुद्धिकरण क्यों है ज़रूरी?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने SIR की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मतदाता सूचियों को शुद्ध करने का व्यापक कार्य पिछली बार 2002-04 में हुआ था। इतने लंबे अंतराल में मतदाता सूची में कई तरह के बदलाव आवश्यक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि पलायन के कारण कई लोगों के नाम एक से अधिक स्थानों की सूची में शामिल हो जाते हैं। इसके अलावा, निधन के बावजूद कई मतदाताओं के नाम सूची में बने रहते हैं। इन त्रुटियों को दूर करने और मतदाता सूची को पूरी तरह से सटीक बनाने के लिए ही यह विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अनिवार्य है। बिहार में यह कार्य इसी उद्देश्य से पूरा किया गया था।