गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के 'वोट चोरी' और 'SIR' पर झूठे दावों का खंडन किया। उन्होंने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और ऐतिहासिक 'वोट चोरी' की घटनाओं पर बात की।
By: Ajay Tiwari
Dec 10, 20256:08 PM
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हुई चर्चा में गृह मंत्री अमित शाह ने हिस्सा लिया और कांग्रेस के आरोपों का मुखरता से जवाब दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है, लेकिन विशेष सूचना रिपोर्ट (SIR) पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि चुनाव आयोग (EC) एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है, न कि सरकार के अधीन काम करने वाली इकाई।
अमित शाह ने कांग्रेस पर SIR को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष SIR की विस्तृत समीक्षा की मांग कर रहा था, जो कि चुनाव आयोग के अधिकार क्षेत्र का विषय है। उन्होंने सदन को याद दिलाया कि सरकार चुनाव नहीं करवाती है, इसलिए इस पर चर्चा का जवाब कौन देगा?
गृह मंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 327 का हवाला देते हुए बताया कि चुनाव आयोग को SIR का अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव की पवित्रता बनाए रखने के लिए एक प्रक्रिया है, क्योंकि यदि मतदाता सूची ही अशुद्ध होगी तो चुनाव पवित्र नहीं हो सकते। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि घुसपैठिए यह तय नहीं कर सकते कि देश का नेतृत्व कौन करेगा। उन्होंने कहा कि 2000 के बाद तीन बार SIR हुआ है, जिसमें मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में भी एक बार हुआ था, तब किसी ने विरोध नहीं किया था।
राहुल गांधी के परमाणु बम वाले दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी हरियाणा के एक विशेष मकान नंबर का हवाला देकर उसमें कई वोटरों के होने का दावा कर रहे थे, लेकिन चुनाव आयोग के सत्यापन में यह दावा गलत साबित हुआ। उन्होंने इसे 'वोट चोरी का फर्जी नैरेटिव' बनाने की कोशिश बताया।
गृह मंत्री ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए 'वोट चोरी' की तीन ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख किया, जानिए शाह ने क्या कहा
प्रधानमंत्री पद का चुनाव (1946): सरदार पटेल को 28 वोट और जवाहरलाल नेहरू को 2 वोट मिलने के बावजूद नेहरू का प्रधानमंत्री बनना।
इंदिरा गांधी का रायबरेली चुनाव (1975): इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इंदिरा गांधी का चुनाव अनुचित घोषित करना। शाह ने सवाल किया कि इस 'वोट चोरी' को ढकने के लिए संसद में प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ केस न होने का कानून क्यों लाया गया।
न्यायाधीशों की अनदेखी (Supersession): इंदिरा गांधी द्वारा वरिष्ठ जजों को बायपास करके चीफ जस्टिस नियुक्त करना।
उन्होंने सोनिया गांधी की नागरिकता और मतदाता बनने को लेकर दिल्ली सिविल कोर्ट में चल रहे एक वाद का भी ज़िक्र किया, जिस पर सोनिया गांधी को नोटिस जारी हुआ है।
अमित शाह ने आरोप लगाया कि विपक्ष एक नया पैटर्न खड़ा कर रहा है जिसके तहत चुनाव हारने पर चुनाव आयोग और पूरी चुनाव प्रक्रिया पर आरोप लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पहले ऐसी परंपरा केवल कांग्रेस में थी, लेकिन अब यह 'इंडी अलायंस' के लोग भी करने लगे हैं, जिनमें ममता बनर्जी, स्टालिन, राहुल गांधी, खरगे और अखिलेश यादव जैसे नेता शामिल हैं।
उन्होंने विपक्ष को चेतावनी दी कि वे सरकार की नहीं, बल्कि पूरे देश और चुनाव आयोग की छवि को दुनिया में धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा कि मतदाता को मालूम है कि उन्होंने किसे वोट दिया है, और इस तरह की 'चुनाव न जीतने पर प्रक्रिया को बदनाम करने की' परंपरा देशहित में नहीं है।