सीधी जिले के चुरहट थाने में पुलिस की बर्बरता और अवैध वसूली का एक और मामला सामने आया है। चोरी की आशंका में युवक को बिना कानूनी प्रक्रिया के उठाया गया, थाने में पीटा गया और 20 हजार की रिश्वत मांगी गई। पीड़ित ने आईजी से न्याय की गुहार लगाई है।
By: Star News
Jul 22, 20251 hour ago
सीधी, स्टार समाचार वेब
जिले का चुरहट थाना फिर से अपनी मानवता को शर्मसार करने वाली खबरों को लेकर सुर्खियों में बना हुआ है। अतीत में तत्कालीन थाना प्रभारी पुष्पेंद्र मिश्रा द्वारा एक रिटायर्ड कर्मचारी के सेवानिवृत होने पर निकले गाजे-बाजे व डीजे के जुलूस को लेकर इस तरह का पुलिसिया रौब कर्मचारी और उनके परिजनों के साथ झाडा था कि जिसके बाद वो वीडियो वायरल हुआ और पूरे देश भर में उसे मामले को लेकर चुरहट पुलिस की किरकिरी हुई थी, परिणामतह: आईजी रीवा ने चुरहट के तत्कालीन थाना प्रभारी पुष्पेंद्र मिश्रा को लाइन हाजिर भी कर दिया था। अब फिर से चुरहट थाना और उसका स्टाफ अपने कार्यकलापों की वजह से सुर्खियों में है।
क्या है मामला
पुलिस पर भरोसा करने वाले लोगों के लिए सीधी जिले के चुरहट थाना क्षेत्र से आई ये खबर एक झटका है। चोरी की एक मामूली आशंका में पुलिस ने न केवल एक युवक को बिना कानूनी प्रक्रिया के उठाया, बल्कि उसे पूरी रात थाने में बंद कर बेरहमी से पीटा गया। यही नहीं, उससे 20,000 की अवैध वसूली की मांग भी की गई।
पीड़ित टिंकू पांडे की आपबीती
घटना 9 जुलाई की दोपहर करीब 2 बजे की है। टिंकू पांडे अपने घर में आराम कर रहा था, जब हेड कांस्टेबल नितेश प्रजापति और एक आरक्षक उसके घर पहुंचे। उन्होंने उसकी दादी से कहा- "टिंकू को थाने चलना है, काली माता मंदिर से मूर्ति की आंख चोरी हुई है, सीसीटीवी फुटेज में कुछ चेहरों की पहचान करानी है।" टिंकू का आरोप है कि उसे थाना परिसर के भीतर एक अलग कमरे में ले जाकर डंडों से मारा गया, गालियां दी गईं और कहा गया कि अगर 20,000 नहीं दिए तो उसे झूठे एनडीपीएस केस में फंसा दिया जाएगा।
गंभीर हालत में छोड़ा, अस्पताल में भर्ती
टिंकू का आरोप है कि पैसे न दे पाने की स्थिति में उसको रातभर थाने में रखा गया उसके साथ बेतहाशा मारपीट की गई और रात 2 बजे गंभीर हालत में उसके भाई के साथ छोड़ दिया गया। जब हालत ज्यादा बिगड़ी, तो परिजन उसे चुरहट अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर वरुण सिंह ने प्राथमिक उपचार किया और मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट का उल्लेख किया। बाद में उसे रीवा स्थित संजय गांधी अस्पताल रेफर किया गया, जहां 6 दिन तक इलाज चला।
आईजी से लगाई न्याय की गुहार
टिंकू पांडे ने मामले की शिकायत रीवा स्थित पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय में दर्ज कराई है। अधिकारी ने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
थाना प्रभारी की चुप्पी संदिग्ध
जब इस पूरे मामले में चुरहट थाना प्रभारी दीपक सिंह बाघेला से जब मीडियाकर्मियों ने उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और बाद में कॉल उठाना भी बंद कर दिया।
न्यायिक जांच की मांग
इस गंभीर प्रकरण पर चुरहट विधायक प्रतिनिधि ज्ञानेन्द्र अग्निहोत्री ने पुलिस पर सीधा हमला बोलते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश पांडेय और जीवेश सेन के साथ जो हुआ है वो अमानवीय और अवैध है। उन्हें पुलिस द्वारा बर्बरता के साथ टॉर्चर किया गया। पूरा परिवार भयभीत है क्योंकि वे थाने के आसपास ही रहते हैं।
दोषी आरक्षक लाइन हाजिर
आईजी आॅफिस रीवा में हुई शिकायत के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सीधी एसपी द्वारा प्रधान आरक्षक नितेश प्रजापति को लाइन हाजिर कर दिया गया है। ये कार्रवाई पुलिसिया अमानवीयता पर पहली प्रशासनिक प्रतिक्रिया मानी जा रही है। लेकिन आमजन का कहना है कि केवल लाइन हाजिर करना नाकाफी है। "इतनी बर्बरता के बाद अगर सजा सिर्फ लाइन हाजिरी है, तो ये न्याय नहीं, दिखावा है। आरोपी पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी होनी चाहिए, ताकि दूसरे पुलिसकर्मियों को भी सख्त संदेश जाए।