मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीर बाल दिवस पर गुरुद्वारा हमीदिया में मत्था टेका। उन्होंने घोषणा की कि साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान की गाथा को एमपी के स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा
By: Ajay Tiwari
Dec 26, 20255:51 PM
भोपाल | स्टार समाचार वेब
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'वीर बाल दिवस' के पावन अवसर पर एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि दशम गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों और सिख वीरों के महान बलिदान की कहानियों को अब राज्य के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को यह जानना आवश्यक है कि कैसे कम उम्र में साहिबजादों ने धर्म और सच्चाई की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
राजधानी भोपाल के हमीदिया रोड स्थित गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने माथा टेका और संगत को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने गुरुद्वारे में बच्चों के बीच बैठकर कीर्तन का श्रवण किया और नन्हे बच्चों को दुलार भी किया। विशेष बात यह रही कि इस पूरे आयोजन का संचालन बच्चों द्वारा ही किया गया, जिसे देखकर मुख्यमंत्री अत्यंत अभिभूत हुए। उन्होंने वहां लगाई गई चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया, जिसमें साहिबजादों के शौर्य को दर्शाया गया था।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, "साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत हमें सिखाती है कि अन्याय के सामने कभी झुकना नहीं चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'वीर बाल दिवस' मनाने की शुरुआत एक सराहनीय कदम है, जिससे देश का युवा अपनी जड़ों और वीरता के मूल्यों से जुड़ रहा है।" उन्होंने आगे कहा कि प्रथम गुरु नानक देव जी से लेकर अंतिम गुरु तक, पूरे सिख समाज ने देश और मानवता की रक्षा के लिए जो कुर्बानियां दी हैं, उनका कर्ज देश कभी नहीं उतार सकता।
डॉ. यादव ने गुरु नानक देव जी की उज्जैन यात्रा और वहां स्थित गुरुद्वारा इमली साहब का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि सिख गुरुओं ने सदैव मानवता का मार्ग दिखाया है। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भोपाल में गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के भव्य आयोजन के लिए राज्य सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में साहिबजादों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान जांबाज सिखों द्वारा 'गत्तका' (पारंपरिक युद्ध कला) का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ विधायक श्री हेमंत खंडेलवाल और सांसद आलोक शर्मा सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। वक्ताओं ने याद दिलाया कि कैसे खालसा पंथ ने मुगलों से लोहा लेने से लेकर आजादी की लड़ाई और आजाद हिंद फौज की स्थापना तक में अपनी अद्वितीय भूमिका निभाई है।