NIA ने दिल्ली ब्लास्ट साजिश में आतंकी डॉ. उमर के साथी आमिर राशिद अली को दबोचा। i20 कार आमिर के नाम थी। व्हाइट कॉलर मॉड्यूल पिछले साल से सुसाइड बॉम्बर की तलाश में था, ब्रेनवॉश की कोशिश हुई नाकाम।
By: Ajay Tiwari
Nov 16, 20257:21 PM
नई दिल्ली. स्टार समाचार वेब
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली ब्लास्ट केस की जाँच में बड़ी सफलता हासिल की है। रविवार को NIA ने आतंकी डॉ. उमर नबी के साथी आमिर राशिद अली को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों के अनुसार, आमिर ने उमर के साथ मिलकर दिल्ली ब्लास्ट की पूरी साजिश रची थी, और जिस i20 कार का उपयोग किया गया, वह आमिर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने भी आतंकी डॉ. उमर नबी से जुड़े कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। पूछताछ में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि डॉक्टरों का यह 'व्हाइट कॉलर' टेरर मॉड्यूल पिछले साल से ही एक सुसाइड बॉम्बर की तलाश में था।
इसकी ज़िम्मेदारी सीधे डॉ. उमर पर थी, जो मॉड्यूल के एजेंडे को लगातार आगे बढ़ा रहा था। उमर का मानना था कि उनके मॉड्यूल के लिए एक आत्मघाती हमलावर का होना बेहद ज़रूरी है।
हिरासत में लिए गए लोगों में काजीगुंड का जसीर उर्फ दानिश भी शामिल है। जसीर ने बताया कि अक्टूबर 2023 में कुलगाम की एक मस्जिद में उसकी मुलाकात इस डॉक्टरों वाले टेरर मॉड्यूल से हुई थी। इसके बाद, उसे फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी ले जाया गया और एक किराए के कमरे में रखा गया। शुरुआती तौर पर मॉड्यूल उसे ओवर-ग्राउंड वर्कर (OGW) बनाना चाहता था, लेकिन बाद में डॉ. उमर ने कई महीनों तक जसीर को सुसाइड बॉम्बर बनने के लिए ब्रेनवॉश किया। हालांकि, मॉड्यूल की यह योजना सफल नहीं हो पाई, क्योंकि जसीर ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति और यह हवाला देते हुए कि इस्लाम में आत्महत्या 'हराम' है, सुसाइड बॉम्बर बनने से साफ इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि यह गिरफ्तारी 10 नवंबर को दिल्ली में सुभाष मार्ग सिग्नल पर हुए ब्लास्ट की घटना से जुड़ी है। इस आतंकी हमले में 13 लोग मारे गए थे और 20 से अधिक घायल हुए थे, जिनमें से 3 की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।